नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना शनिवार को कहा कि भारत की ओर आंख उठाने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा और लद्दाख में दुनिया ने इसकी झलक देखी है।
मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवीं बार ध्वजारोहण करने के बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश जोश से भरा है। पूर्वी लद्दाख में
चीन के साथ करीब तीन महीने से चली आ रही तनातनी पर उन्होंने कहा कि एलओसी से लेकर एलएसी तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है।
करीब डेढ घंटे तक चले संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए देश के वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि देश रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर जवानों को वह नमन करते हैं।
मोदी ने कहा कि मजबूत और सुरक्षित भारत बनाने के लिए सरकार अनेक मोर्चों पर एक विशेष सोच के साथ काम कर रही है। जब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य बनाया गया तो उसे 192 में से 184 देशों का समर्थन मिला है, यह देश की मजबूती का ही संकेत है।
पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं।
दक्षिण एशियाई देशों के साथ निरंतर बढ़ रहे सहयोग और उनके साथ मिलकर काम करने की भावना प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है।
हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जनसमूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है।
मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम उठाते हुए सरकार ने रक्षा क्षेत्र के 101 उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी है और इसके जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे।