भाजपा की प्रमुख महिला नेत्रियों में गिनी जाने वाली सुषमा स्वराज पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वर्ष 2009 में होने वाले आम चुनावों के लिए भाजपा की 19 सदस्यीय प्रचार समिति की वे प्रमुख हैं।
चौदह फरवरी 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में जन्मीं सुषमा ने वकालत की पढ़ाई की है और वे सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी करती हैं। 13 जुलाई, 1975 को स्वराज कौशल के साथ उनका विवाह हुआ था। वे एक बेटी की माँ हैं।
सत्तर के दशक में छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाली सुषमा हरियाणा विधानसभा की विधायक रहीं और जनता पार्टी की विधायक के तौर पर उन्हें देवीलाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वे लगातार तीन वर्षों तक हरियाणा विधानसभा की सर्वश्रेष्ठ वक्ता भी रहीं।
वर्ष 1990 में वे राज्यसभा और 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं। 1996 में अटलजी की तेरह दिनों तक चली सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया था। 12वीं लोकसभा में भी वे चुनकर आईं और फिर सूचना प्रसारण मंत्री बनीं।
बाद में वे कुछ समय के लिए दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं। भाजपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे फिर से केन्द्रीय राजनीति में लौटीं। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने कर्नाटक के बेल्लारी संसदीय चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
हालाँकि वे चुनाव हार गईं लेकिन उन्होंने सोनिया गाँधी को कड़ी टक्कर दी थी। वर्ष 2000 में वे उत्तराखंड से राज्यसभा के लिए चुनी गईं और राज्यसभा में रहते हुए वे सूचना प्रसारण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संसदीय कार्यमंत्री रहीं।
अप्रैल 2006 में वे पुन: राज्यसभा के लिए चुनी गईं लेकिन इस बार उन्हें मध्यप्रदेश से चुनकर भेजा गया। राज्यसभा में वे भाजपा की उपनेता भी रहीं और एक समय पर तो उन्हें पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की संभावनाएँ जाहिर की जाने लगी थीं।
फिलहाल वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य होने के साथ कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। वे चार वर्षों तक हरियाणा के हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष भी रहीं। इस बार पार्टी ने उन्हें मप्र के विदिशा संसदीय चुनाव क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।
पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव लड़ने के साथ-साथ ही वे कई राज्यों के लिए भाजपा की प्रमुख रणनीतिकार भी नियुक्त की गई हैं और पार्टी तथा राजग की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के खास सिपहसालारों में शामिल हैं। यह उनके राजनीति करियर का दसवाँ चुनाव होगा।