uttar pradesh tourism places
लॉन्ग वीकेंड का लुफ्त उठाने के लिए आप सफर को अपना साथी बना सकते हैं और अपने साथियों के साथ सफर करने निकल सकते हैं। लंबी छुट्टियों का असली मज़ा ट्रेवल में ही आता है। ऐसे में ट्रेवल के लिए आप उत्तर प्रदेश को एक्स्प्लोर कर सकते हैं। अगर आप मानसून में पहाड़ों पर नहीं जाना चाहते हैं तो आप उत्तर प्रदेश के इन तीर्थ स्थल का लुफ्त उठा सकते हैं। इस ट्रिप के ज़रिए आप बारिश के मज़े के साथ तीर्थों के दर्शन भी कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश की इन जगह पर आप गंगा और यमुना के साथ कई भव्य मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इन खास जगाहों के बारे में...
उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल | famous religious places in uttar pradesh
1. काशी : विश्व की सबसे प्राचीन प्रसिद्ध नगरी काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग है। पुरी में जगन्नाथ है तो काशी में विश्वनाथ। काशी को बनारस और वाराणसी भी कहते हैं। शिव और काल भैरव की यह नगरी अद्भुत है जिसे सप्तपुरियों में शामिल किया गया है। दो नदियों 'वरुणा' और 'असि' के मध्य बसे होने के कारण इसका नाम 'वाराणसी' पड़ा। गंगा के किनारे बसे इस नगर में देखने लायक बहुत कुछ है।
2. वृंदावन : मथुरा के पास स्थित वृंदावन श्रीकृष्णी की लीला भूमि है। यहां पर बांके बिहारीजी का मंदिर है। इसके अलावा रंगनाथ मंदिर, केशी घाटी, मदनमोहन मंदिर, गोविंद देव मंदिर, श्रीराधा बिहारी आस्था सखी मंदिर, निधिवन, प्रेम मंदिर, हरे रामा हरे कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, पागल बाबा मंदिर आदि अनेक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है।
3. अयोध्या : सरयू नदी के किनारे सप्तपुरियों में से एक अयोध्या भारत की सबसे प्राचीन नगरी है जहां प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। कुछ विद्वानों के अनुसार प्राचीनकाल में अयोध्या कोसल क्षेत्र के एक विशेष क्षेत्र अवध की राजधानी थी इसलिए इसे 'अवधपुरी' भी कहा जाता था। हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का यह प्रमुख स्थल है। अथर्ववेद में अयोध्या को 'ईश्वर का नगर' बताया गया है।
4. चित्रकूट : चित्रकूट वही स्थान हैं जहां भगवान राम, अनुज लक्ष्मण और देवी सीता के साथ रुके थे और यहां पर भरत ने आकर उन्हें पुन: ले जाने का विनय किया था परंतु वे यहां से श्रीराम की चरण पादुका लेकर गए थे। चित्रकूट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां पर हनुमान धारा, राम धारा, जानकी कुण्ड, कामादगिरी आदि देखने लायक स्थान है।
5. प्रयाग : गंगा के किनारे स्थित सभी तीर्थों में श्रेष्ठ है प्रयागराज। इसे पहले इलाहाबाद कहते थे। यहां गंगा और यमुना का मिलन होता है और सरस्वती को यहां अदृश्य माना गया है। त्रिवेणी के इसी स्थान पर कुंभ का आयोजन होता है क्योंकि यहां पर अमृत की बूंदें गिरी थी। यहां हजारों वर्ष से विद्यमान है अक्षयवट और सभी संतों के मठ और आश्रम। यहां प्रजापिता ब्रह्मा ने दशाश्वमेध यज्ञ किया था। प्रयाग से सारे तीर्थ उत्पन्न हुए हैं। प्रयागराज में सैंकड़ों धार्मिक स्थल है।