ग्लोबल वॉर्मिंग। यह शब्द पर्यवरण से जुड़ी हुई मात्र एक समस्या न होकर भविष्य के भयावह स्वरूप का परिचायक है। आज यह समस्या समूचे विश्व के लिए चिंता का गंभीर विषय है। इसलिए इस समस्या को विश्व के कुछ वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और बुद्धिजीवियों के एक वर्ग से उठाकर आम जनता के बीच लाना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसे में इस समस्या के प्रति जागरुकता फैलाने में मीडिया की अहम भूमिका है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है। पिछले कुछ सालों में हॉलीवुड ने इस दायित्व की पूर्ति करते हुए ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रति जागरुकता फैलाने की दिशा में सराहनीय पहल की है। जहाँ एक ओर फिल्म उद्योग ने इस विषय पर कई फिल्में बनाकर दर्शकों मनोरंजक तरीके से इस समस्या से अवगत कराया है, वहीं दूसरी ओर फिल्म जगत ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े समारोहों में इस मुद्दे को उठाया है।हाल ही में हुए कांस फिल्म समारोह में हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता लिओनार्डो डिकैपरियो ने भी अपनी डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘द इलेवेंथ ऑवर’ के बारे में बताते हुए पर्यावरण पर इसके भयावह प्रभाव के विषय में चर्चा की है। यहाँ तक कि अपनी इस फिल्म का निर्माण भीवह इसी विषय को ध्यान में रखकर कर रहें हैं, जिसके अभिनेता और लेखक भी वह स्वयं ही हैं। इतना ही नहीं यॉर्कशायर में होने वाले आगामी आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस मुद्दे को उठाने की कवायद की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस समारोह की प्रबंधन समिति ‘ग्लोबल कूल’ नामक गैर-सरकारी पर्यावरण संस्था के साथ मिलकर, इस विषय को फिल्म जगत के अंतर्राष्ट्रीय पटल पर प्रस्तुत कर रही है।
ऐसे उपायों से जहाँ एक और इस विषय को मीडिया के द्वारा प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं दूसरी ओर ऐसे विषयों से मनोरंजन जगत गंभीरता और वास्तिवकता के और भी करीब आ जाएगा।
कुछ सालों से हॉलीवुड जगत ने ऐसे विषयों के केंद्र में रखकर कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया है, जो न केवल ज्ञानदायक और मनोरंजक हैं बल्कि ये फिल्में हमारे भविष्य का भी सजीव चित्रण करती हैं। इन फिल्मों में ‘द डे आफ्टर टुमारो’, ‘एन इनकन्विनियेंट ट्रुथ’, ‘वॉटरवर्ल्ड’, ‘क्लाइमेट चाओज’ जैसी फिल्में प्रमुख हैं। इस विषय पर इन बेहतरीन फिल्मों को जहाँ एक ओर प्रसिद्धि का नया आयाम मिला, वहीं दूसरी ओर ‘एन इनकन्विनियेंट ट्रुथ’ को तो बेहतरीन प्रस्तुतिकरण के लिए ऑस्कर सम्मान से भी सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
इस श्रेणी चैनल फोर पर आने वाले ‘द ग्रेट ग्लोबल वार्मिंग स्विंडल’ जैसे टीवी कार्यक्रमों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए, जो ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे गंभीर विषय को दर्शकों के बीच मनोरंजक अंदाज में प्रस्तुत करते हैं। इस तरह से हॉलीवुड मनोरंजन जगत में ऐसे गंभीर विषय को उठाकर न केवल फिल्म जगत की परिपक्वता का परिचय देता है, बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में अपने नैतिक दायित्व की पूर्ति भी कर रहा है।