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Operation Sindoor पर अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का विवादित पोस्ट, दिल्ली से गिरफ्तार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोनीपत , रविवार, 18 मई 2025 (23:22 IST)
हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह जानकारी पुलिस और उनके वकील ने दी। उनके खिलाफ देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने सहित कड़े आरोपों में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
 
यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब कुछ दिन पहले हरियाणा राज्य महिला आयोग ने सहायक प्रोफेसर को उनकी टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए नोटिस भेजा था। हालांकि, महमूदाबाद ने कहा था कि उनकी टिप्पणियों को ‘गलत समझा गया’ है और उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया है।
राई के सहायक पुलिस आयुक्त अजीत सिंह ने फोन पर कहा कि अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी कुछ टिप्पणियों के सिलसिले में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त नरेन्द्र कादयान ने बताया कि राई थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक प्राथमिकी हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर तथा दूसरी एक गांव के सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गई है।
 
कादयान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आयोग की अध्यक्ष की शिकायत पर अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली के खिलाफ बीएनएस की धारा 152 (भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 353 (सार्वजनिक शरारत संबंधी बयान), 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर की गई कार्रवाई) और 196 (1) (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
 
उन्होंने कहा कि उन्हें (प्रोफेसर) आज गिरफ्तार कर लिया गया है... राई थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। कादयान ने कहा कि आयोग की शिकायत के आधार पर अली का पुलिस रिमांड लिया जाएगा। पुलिस उपायुक्त और महमूदाबाद के वकील कपिल बाल्यान के अनुसार, एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ एक अन्य शिकायत शनिवार को एक स्थानीय सरपंच द्वारा दर्ज कराई गई थी।
 
बाल्यान ने दावा किया कि सरपंच कि प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा से भी जुड़ा हुआ है’’। वकील ने कहा, ‘‘शनिवार को मामला दर्ज किया गया और अगली सुबह प्रोफेसर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।’’
उन्होंने बताया कि सरपंच की शिकायत पर बीएनएस की धारा 152, 196 (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सौहार्द के प्रति हानिकारक कार्य करना), 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे) और 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का निरादर कर उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये सभी धाराएं गैर-जमानती हैं।
 
घटनाक्रम पर अशोका विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस हिरासत में लिया गया है। हम मामले की विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं। बयान में कहा गया कि विश्वविद्यालय जांच में पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करता रहेगा। माकपा, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा की।
 
हैदराबाद से सांसद ने ओवैसी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हरियाणा पुलिस ने कथित तौर पर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए उन्हें (एसिस्टेंट प्रोफेसर को) दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह एक व्यक्ति को उसके विचारों के लिए निशाना बनाना है; उसका पोस्ट राष्ट्र-विरोधी या महिला विरोधी नहीं था। एक भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत मात्र पर हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की।’’
 
माकपा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की नफ़रत के खिलाफ़ उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ़्तारी की निंदा करते हैं। जबकि नफ़रत फैलाने वाले विजय शाह (मध्यप्रदेश के मंत्री) जैसे लोग आज़ाद घूमते हैं, मोदी के भारत में न्याय और शांति की मांग करने वालों को निशाना बनाया जाता है।’’ तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह गिरफ्तारी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी।
 
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रतिष्ठित विद्वान और शिक्षाविद प्रोफेसर महमूदाबाद की गिरफ्तारी से भयभीत हूं - क्या इस असहिष्णु सरकार और हरियाणा पुलिस ने सोचने-समझने की शक्ति पूरी तरह खो दी है? हम जल्द से जल्द अदालत जा रहे हैं।’’
 
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने गत 12 मई को जारी नोटिस में उल्लेख किया है कि उसने सोनीपत में अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख महमूदाबाद द्वारा ‘‘7 मई को या उसके आसपास’’ दिए गए ‘‘सार्वजनिक बयानों/टिप्पणियों’’ का स्वत: संज्ञान लिया है।
 
महमूदाबाद की टिप्पणियों को आयोग के नोटिस के साथ संलग्न किया गया था, जिनमें से एक में कहा गया था कि कर्नल कुरैशी की सराहना करने वाले दक्षिणपंथी लोगों को भीड़ द्वारा हत्या और संपत्तियों को ‘‘मनमाने ढंग से’’ गिराए जाने के पीड़ितों के लिए सुरक्षा की मांग करनी चाहिए।
आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा कि हम देश की बेटियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सलाम करते हैं। लेकिन राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है... मुझे उम्मीद थी कि वह कम से कम आज आयोग के सामने पेश होंगे और खेद व्यक्त करेंगे।’’ एसोसिएट प्रोफेसर ने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को ‘‘दिखावटी’’ बताया था।
 
उन्होंने कहा था, ‘‘लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदलना चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ पाखंड है।’’ आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की टिप्पणियों की प्रारंभिक समीक्षा से ‘‘कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह समेत महिला सैन्य अधिकारियों के अपमान और भारतीय सशस्त्र बलों में पेशेवर अधिकारियों के रूप में उनकी भूमिका को कमतर आंकने’’ के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं।
 
भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले किए थे।
 
एसोसिएट प्रोफेसर ने पूर्व में कहा था कि आयोग ने उनकी टिप्पणी को ‘‘गलत तरीके से पढ़ा’’ है। महमूदाबाद ने ‘एक्स’ पर कहा था, ‘‘...मुझे आश्चर्य है कि महिला आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मेरे पोस्ट को इस हद तक गलत तरीके से पढ़ा और समझा कि उन्होंने उसका अर्थ ही बदल दिया।’’
 
उन्होंने कहा था कि उन्होंने शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने तथा भारतीय सशस्त्र बलों की दृढ़ कार्रवाई की सराहना करने के लिए विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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