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Operation Sindoor में भारतीय नुकसान पर फिर आया CDS अनिल चौहान का बयान, जानिए क्या कहा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 3 जून 2025 (17:25 IST)
Operation Sindoor से भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को तबाह किया था। इसमें भारत को कितना सैन्य नुकसान हुआ, इसे लेकर बहस जारी है। विपक्ष मोदी सरकार से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल पूछ रहा है। इस बीच सीडीएस अनिल चौहान का बयान एक बार फिर सामने आया है। चौहान ने कहा कि ऐसे युद्धों में यह मायने नहीं रखता कि नुकसान क्या हुआ। 
 
क्या पाकिस्तान ने गिराए भारतीय फाइटर जेट्‍स
सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित एक सेमिनार जनरल चौहान ने कहा कि आतंकी हमले के जवाब में भारत ने जो ऑपरेशन किया, उसके तहत अंदर घुसकर आतंकियों को मारा गया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में बहुत अंदर तक जाकर आतंकियों को टारगेट किया। भारत के फाइटर जेट्स गिराने के पाकिस्तान के दावों पर उन्होंने मंगलवार को कहा कि ऐसे युद्धों में यह मायने नहीं रखता कि नुकसान क्या हुआ। इसमें अहम यह होता है कि नतीजा क्या आया। हमें नतीजे पर फोकस करना चाहिए। 
 
आतंकवाद के खिलाफ नई लक्ष्मण रेखा 
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पेशेवर सेनाएं अस्थायी नुकसान से प्रभावित नहीं होतीं, क्योंकि समग्र परिणाम ऐसे नुकसान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान भारत को हजारों जख्म देकर लहूलुहान करने की नीति पर चल रहा है, लेकिन नयी दिल्ली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए सीमापार आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
 
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने यह बात स्वीकार करने के लिए हो रही अपनी आलोचना को खारिज किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रारंभिक चरण में भारत ने अनिर्दिष्ट संख्या में लड़ाकू जेट विमान खो दिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझसे हमारी ओर से हुई क्षति के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं, यह महत्वपूर्ण है।’’
 
चौहान ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि नुकसान और संख्या के बारे में बात करना सही नहीं होगा। सीडीएस ने कहा कि युद्ध में यदि नुकसान भी होता है, तो आपको अपना मनोबल बनाए रखना होता है। उन्होंने कहा कि नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं। जनरल चौहान ने राजनीति और हिंसा सहित युद्ध के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी युद्ध और राजनीति समानांतर रूप से हो रही थी।
 
उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा पहलगाम हमले से कुछ सप्ताह पहले भारत और हिंदुओं के खिलाफ ‘‘जहर उगले जाने’’ का भी उल्लेख किया, ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि इस्लामाबाद का दृष्टिकोण ‘‘भारत को हजार जख्म देकर ‘‘लहूलुहान करने’’ का रहा है। जनरल चौहान ने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ, वह हद दर्जे की क्रूरता थी।
परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं 
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद पर नकेल कसी जाए और उस देश को भारत को आतंकवाद का बंधक बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जनरल चौहान ने कहा कि भारत आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है। भारत के सैन्य हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए।
 
8 घंटे में धराशायी पाकिस्तान का प्लान
शत्रुता समाप्त करने पर सहमति की प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 48 घंटे तक जवाबी कार्रवाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना 8  घंटे में ही धराशायी हो गई। उन्होंने भारतीय हमलों के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके चलते पाकिस्तानी पक्ष ने बातचीत की इच्छा जताई। चौहान ने कहा कि 10 मई की रात करीब एक बजे पाकिस्तान ने 48 घंटे में भारत को शिकस्त देने का लक्ष्य बनाया और कई हमले किए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लगा था कि उसका अभियान 48 घंटे तक चलेगा, लेकिन उसने आठ घंटे में ही हार मान ली और वह बातचीत की इच्छा जताने लगा।
जनरल चौहान ने कहा कि जब पाकिस्तान की ओर से बातचीत और तनाव कम करने का अनुरोध आया तो हमने उसे स्वीकार कर लिया। भारत के समग्र दृष्टिकोण के बारे में उन्होंने कहा कि हमने मानदंड बढ़ा दिए हैं; हमने आतंकवाद को पानी से जोड़ा है, हमने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की नई रेखा खींच दी है।’’ इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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