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नया साल, रहेगा घोटालों के नाम

भ्रष्टाचारियों की आएगी शामत

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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सन् 2010 महँगाई की मार के साथ-साथ मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, राम-जन्मभूमि पर महत्वपूर्ण फैसले, देश की जनता के शांतिपूर्ण रूख, 26 नवंबर के आतंकवादियों को सजा न मिलने, प्रधानमंत्री की बढ़ती मुश्किलें, संसद नहीं चलने, सोने-चाँदी के भावों में बेलगाम होने के लिए जाना जाएगा। दूसरी तरफ बिहार में कांग्रेस के साथ अन्य दलों का सफाया यह साबित करता है कि अब भारत की जनता मौन रहकर अपना गुस्सा उतारती है।

लेकिन सत्तादल की पार्टी को फिर भी शर्मवाली बात नहीं लगती। आइए देखें ग्रहों की जुबानी क्या कहता है आनेवाला साल 2011। देश की बागडोर दिल्ली की सियासत से चलती है। दिल्ली में 1 जनवरी 2011 को सूर्योदय के समय धनु लग्न सिंह नवांश व वृश्चिक राशि है। मंगल सूर्य व लग्न शुक्र के नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा में है तो शुक्र गुरु के विशाखा नक्षत्र में है।

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चन्द्र शनि में नक्षत्र परिवर्तन है तो राहु केतु में भी नक्षत्र परिवर्तन योग है। गुरु बुध अपने नक्षत्र में है। इधर गुरु शनि में समसप्तक योग बन रहा है। ग्रहों की उक्त स्थिति के मद्देनजर वर्ष लग्न में शनि की महादशा में बुध का अन्तर चल रहा है। शनि चन्द्र के नक्षत्र में है और चन्द्र नीच का है।

चन्द्र अष्टमेश है। बुध दशम राजनीति के भाव में है वहीं सप्तमेश भी है जो दैनिक व्यवसाय भाव का भी स्वामी है। अतः स्पष्ट है कि राजनीति में किसी महिला के द्वारा भांडाफोड़ होकर कई राजनेता-व्यापारी भी घेरे में आएगें। बुध दिमाग व बुद्धि का करक है अतः बुद्धिजीवी भी नहीं बच पाएगें।

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सूर्य मंगल व लग्न भी शुक्र के नक्षत्र में है जो अर्थ का कारक है अतः धन के मामलों में घोटाला ही मुख्य मुद्दा रहेगा। राहु, केतु के नक्षत्र में है व केतु राहु के नक्षत्र में है इस प्रकार देखा जाए तो आने वाला साल भी भारी घोटालों का रहेगा।

गुरु शनि का समसप्तक योग न्यायपालिका के लिए अतिउत्तम रहेगा। शनि दण्डात्मक कार्य करता है तो गुरु न्याय के प्रति सजग रहता हैं। न्यायपालिका सख्त रहेगी लेकिन दशम भाव में शनि के होने से सत्तापक्ष लाचार नजर आएगा। वर्तमान में शनि की महादशा में अन्तर बुध का होने से राजनीतिज्ञों में खलबली मची रहेगी।

गुरु चतुर्थ भाव में स्वराशि मीन का है जो जलतत्व की राशि में है। अतः जनता मूकदर्शक नजर आएगी। न्याय व्यवस्था उत्तम होकर सख्ती दिखाएगी। सूर्य मंगल ग्रहण योग में है निश्चय ही आने वाला साल सत्तापक्ष के लिए कठिनाईयों भरा रहेगा।

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