13 अक्टूबर 1987 से 1990 तक भारतीय सेना ने श्रीलंका में 'ऑपरेशन पवन' चलाया था। यह ऑपरेशन श्रीलंका में लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम) के खिलाफ चलाया था, लेकिन कुछ भी भारत की प्लानिंग के मुताबिक नहीं हो सका। लिट्टे को पहले से ही इस प्लानिंग के बारे में पता चल गया था।
भारतीय सेना और लिट्टे के बीच 24 घंटे से ज्यादा समय तक लड़ाई होती रही। 6 पैरा कमांडो मारे गए। 29 इन्फेंट्री के जवान भी शहीद हो गए। एक सिख सिपाही को लिट्टे ने बंधक बना लिया। 35 और जवान मारे गए। कई जवानों के शव तक नहीं मिले। भारतीय सेना इस ऑपरेशन में बुरी तरह से नाकामयाब रही। इस नाकामयाबी के दाग को हम आज तक नहीं धो पाए हैं। माना जाता है कि बाद में यही ऑपरेशन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का कारण भी बना।