Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

श्राद्ध में क्या खाना बनाना चाहिए, जानिए यहां...

हमें फॉलो करें श्राद्ध में क्या खाना बनाना चाहिए, जानिए यहां...
pitru paksha bhog
 

खीर-पूरी और मीठे पकवान से करें पितरों को प्रसन्न
 
श्राद्ध भोजन- श्राद्ध पक्ष में अगर आप अपने पितरों का श्राद्ध कर रहे हैं तो उन्हें खीर-पूरी और मीठे पकवानों का भोग जरूर लगाना चाहिए। इस संबंध में मान्यता है कि पितरों का भोजन सात्विक और स्वादिष्ट होना चाहिए। 
जानिए श्राद्ध में क्या खाना बनाना चाहिए- 
 
खीर 
 
सामग्री : एक लीटर दूध, दो कटोरी मखाने, चार चम्मच शकर, दो चम्मच घी, बादाम-काजू की कतरन, किशमिश, पाव कटोरी बूरा (सूखा नारियल का), इलायची पावडर आधा चम्मच और 5-6 केसर के लच्छे, दूध में भिगोएं हुए।
 
विधि : सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करके मखानों को भून लें। तत्पश्चात भूनें मखानों को प्लेट में निकाल कर ठंडे होने दें, फिर उसे कूट लें।
 
अब दूध को उबलने दें, जब दूध उबल जाए तो उसमें कूटे मखाने डालकर पकाएं और शकर डाल दें। इसे गाढ़ा होने तक पकाएं। अब इसमें काजू-बादाम की कतरन, नारियल का बूरा, किशमिश, इलायची और केसर को घोंट कर डालें और डालकर सर्व करें।
   
पूरी रेपिसी
 
सामग्री : 200 ग्राम गेहूं का आटा, आधा चम्मच शकर, थोड़ा-सा नमक और तेल अथवा घी। 
 
विधि : आटे और नमक को साथ में छान लें, उसमें छोटा आधा चम्मच शकर डालें। एक बड़ा चम्मच घी अथवा तेल का मोयन मिलाएं। पानी के साथ आटे के टाइट गूंथ लें। अपनी पसंद के अनुसार आटे की गोलियां बना लें। पूरी बेलकर गरम तेल में कुरकुरी तल लें। अब इन्हें पेश करें। 

रसमलाई
  
सामग्री : कवर के लिए आटा 250 ग्राम, घी 1 बड़ा चम्मच, पिसी शकर 50 ग्राम, इलायची पावडर 1 छोटा चम्मच। 
 
भरावन के लिए : बारीक कटी मेवा 1 छोटी कटोरी। 
 
रबड़ी के लिए : फूल क्रीम दूध 2 लीटर, शकर 2 टेबल स्पून, केसर के धागे 3, सजाने के लिए पिस्ता कतरन 1 चम्मच, बादाम 8-10।
 
विधि : सबसे पहले आटे को घी में गुलाबी भूनकर शकर और 1 गिलास पानी डालकर गाढ़ा हलवा तैयार करें। दूध को शकर और केसर के धागे डालकर आधा रहने तक उबालें। इसे ठंडा होने दें। एक बड़ा चम्मच हलवा लेकर हथेली पर फैलाएं और इसके अंदर एक चम्मच मेवा रखकर चारों ओर से बंद करके हाथ से हल्का-सा चपटा करें।
 
गरम तवे पर एक चम्मच घी लगाकर दोनों ओर सुनहरा होने तक सेकें। इन्हें गरम-गरम ही तैयार रबड़ी में डालें। ऊपर से मेवे की कतरन से सजाकर पेश करें।


पूरनपोली
 
पूरन बनाने की विधि-    
 
सामग्री : 1 कटोरी चना दाल, 1 1/2 कटोरी आटा, 1 1/4 कटोरी शकर, 8-10 केसर के लच्छे, 6-7 पिसी हुई इलायची, 2 ग्राम जायफल, 300 ग्राम शुद्ध घी। 
 
विधि : एक प्रेशर कुकर में चने की दाल को अच्छी तरह से धोकर, दाल से डबल पानी लेकर कम आंच पर अच्छीतरह पकने दें। 2-3 सीटी लेने के बाद गैस बंद कर दें। कुकर ठंडा होने के बाद चना दाल को स्टील की छन्नी में निकाल लें ताकि उसका सारा पानी निकल जाए। दाल जब ठंडी हो जाए, तब उसमें आधी  शकर मिलाकर मिक्सी में पीस लें। पीसी हुई दाल के मिश्रण को एक कड़ाही में निकालकर उसमें बची हुई शकर भी मिला दें।

इस प्रकार पूरी शकर मिला दें। अब इस मिश्रण को कम आंच पर औटाएं यानी तब तक पकाएं, जब तक पूरन की गोली न बनने लगे। जब पूरन बन जाए तब आंच से उतार लें और ठंडा करें। ऊपर से जायफल, इलायची, केसर डालकर मिश्रण के आवश्यकतानुसार गोले बना लें। 
 
पूरनपोली विधि : एक थाली में मैदे की छन्नी से छना आटा लें। उसमें 1 बड़ा चम्मच शुद्ध घी का मोयन डालकर रोटी के आटे जैसा गूंथ लें। इसकी छोटी-छोटी लोइयां बनाकर 1-1 लोई में 1-1 पूरन की गोली रखकर आटा लगाकर मोटी रोटी की तरह बेल लें। अब गरम तवे पर धीमी आंच पर शुद्ध घी लगाकर दोनों तरफ गुलाबी सेंक लें। अब इसे अच्छीतरह घी लगाएं और नैवेद्य में शामिल करें। 

रसगुल्ले
 
सामग्री : 500 ग्राम छेना (कपड़े में बांधकर पानी निकाल दें), 1 चुटकी केसर, 1 चम्मच दूध, 350 ग्राम शकर, 5 कप पानी।
 
विधि : सर्वप्रथम पानी निकले छेने को हथेली से खूब मसल लें। अब दूध में केसर को घिसकर छेने में मिलाएं और अच्छी तरह मिक्स कर लें। जब यह एकसार और चिकना हो जाए तो इसकी 14-15 गोली बनाएं। अब एक बर्तन में शकर-पानी मिलाकर मध्यम आंच पर 5-10 मिनट उबालें। इसमें छेने की गोली डालें और आधा घंटा तक उबालें।

इस दौरान उबलते पानी को चम्मच से रसगुल्लों पर डालती रहे ताकि चाशनी गाढ़ी न होने पाएं। रसगुल्ले जब चाशनी वाले पानी में पूरी तरह ऊपर आ जाए तब आंच बंद कर दें। ठंडे होने पर फ्रिज में रखें। बाउल में सजाएं और पेश करें।
 
इसके अलावा आपके पूर्वजों को खाने में जो भी चीजें सबसे अधिक पसंद थी, उनका भोग लगाने से वे तृप्त और प्रसन्न होकर शुभाशीष देकर जाते हैं। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शापित योद्धा से दानवीर, फिर मृत्युंजय बने महावीर कर्ण से सीखिए 6 गुण