सामग्री : 500 ग्राम मैदा, 1/4 छोटा चम्मच नींबू का सत या साइट्रिक एसिड, 700 ग्राम शक्कर, खाने का पीला रंग, तलने के लिए घी।
विधि :
नींबू का सत आधा ग्लास गुनगुने पानी में घोलिए। इस पानी से मैदे को जलेबी के आटे के घोल की तरह पतला घोलिए। रातभर इसमें खमीर उठने दीजिए। दूसरे दिन इसमें 1 चुटकी पीला रंग मिलाकर खूब अच्छी तरह फेंटिए। घियर बनाने के लिए एक मटका रखने वाले रिंग की जरूरत पड़ती है। अब कड़ाही में घी गर्म कीजिए।
कड़ाही गरम होने पर उसमें यह रिंग रखिए। फेटे हुए मैदे को पाँचों उँगलियों के सहारे रिंग के अंदर टपकाइए। ये घियर उँगलियों से बनाए जाते हैं। यदि अभ्यास न हो तो कुड़लई के साँचे में घोल भरकर रिंग के अंदर गोलाकार फेरते हुए बनाइए।
कुरकुरे तलकर रिंग चिमटे से उठा लीजिए। व्यंजन को झारे से निकाल लीजिए। डेढ़ तार की चाशनी बनाकर तले घियर को चाशनी में डुबोकर निकाल लीजिए। चाहें तो चाँदी के वर्क और कटे हुए मेवों से सजा लीजिए।
यह व्यंजन सिंधी समाज में बहुत प्रचलित है। कुछ खट्टा और मीठा यह व्यंजन बेटियों के ससुराल में भेंटस्वरूप पहुँचाया जाता है, जो परस्पर स्नेह का प्रतीक है।