aniruddhacharya controversial statement : इन दिनों कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का नाम विवादों की वजह से खासी चर्चा में है। घुंघराले बालों वाले ये बड़बोले बाबा देश-विदेश में लाखों श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हैं। हालांकि, अपनी बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ, वे हाल के दिनों में कुछ विवादों और चर्चाओं का भी केंद्र रहे हैं, खासकर सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म पर। आइए उनके जीवन परिचय, आध्यात्मिक यात्रा, परिवार, लोकप्रियता, विवादित बयानों को विस्तार से जानते हैं।
जीवन परिचय और प्रारंभिक जीवन
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक छोटे से गांव रिवझा में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है। पिता पंडित थे और परिवार में तंगी का माहौल था। इस तरह बालक अनिरुद्ध का बचपन अभाव में बीता।
कितने पढ़े-लिखे हैं महाराज? अमेरिका से मिली है डॉक्टरेट की उपाधि
अनिरुद्धाचार्य ने औपचारिक स्कूली शिक्षा 5वीं कक्षा तक प्राप्त की है। लेकिन, उन्होंने वृंदावन में संत श्री गिरिराज शास्त्री जी महाराज से दीक्षा ली और अयोध्या से श्री राम कथा का अध्ययन अंजनी गुफा वाले महाराज से प्राप्त किया। उन्होंने वेद, पुराण और अन्य हिंदू धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया। उन्हें दो बार डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि मिल चुकी है। 2024 में उन्हें एक अमेरिकन यूनिवर्सिटी द्वारा 'ह्यूमैनिटी एंड स्पिरिचुअल एजुकेशन' (Humanity and Spiritual Education) के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है।
अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान
अक्सर अनिरुद्धाचार्य अपनी फिसलती जबान की वजह से वे विवादों में घिरते देखे गए हैं। हाल का विवाद उनके लड़कियों की शादी की उम्र और उनके 'मुंह मारने' वाले बयान को लेकर था, जिस पर देशभर में कड़ी आलोचना हूँ रही है। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि "आजकल लड़कियां 25 साल की उम्र में शादी करती हैं, और तब तक वे 'चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं'," और सुझाव दिया था कि लड़कियों की शादी 14 साल की उम्र में ही कर देनी चाहिए। बाद में, उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका अर्थ महिलाओं का अपमान करना नहीं था।
इससे पहले वर्ष 2024 में, भगवान शिव से जुड़े एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने माफ़ी मांगी थी। 2022 में, एक धार्मिक प्रवचन के दौरान महिलाओं पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सीता और द्रौपदी जैसी आकृतियों को इसलिए कष्ट सहना पड़ा क्योंकि वे "आवश्यकता से अधिक सुंदर" थीं। उनके इस बयान की सार्वजनिक रूप से बड़ी हस्तियों और सोशल मीडिया पर बड़े वर्ग ने आलोचना की।
भजनों से भागवत कथा तक, कैसे रहा महाराज का सफर
युवावस्था में ही अनिरुद्धाचार्य का रुझान कथावाचन की ओर हो गया। उनका प्रारंभिक करियर भजनों से शुरू हुआ। अपनी दिलचस्प शैली के कारण जल्द ही भागवत कथा और प्रवचन भी देने लगे। उनकी लोकप्रियता में यूट्यूब और सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई। उनके प्रवचन के वीडियो खूब वायरल होते हैं और लाखों बार देखे जाते हैं, जिससे वे युवा पीढ़ी के बीच भी काफी लोकप्रिय हुए हैं। उनके विडियो पर खूब मीम भी बनाई जाती है।
कहां है अनिरुद्धाचार्य का आश्रम
अनिरुद्धाचार्य का मुख्य आश्रम वृंदावन में स्थित है। आश्रम का नाम 'गौरी गोपाल आश्रम' है, जिसकी स्थापना 2019 में की थी। आश्रम में देश-विदेश से भक्तगण दर्शन और सत्संग के लिए आते हैं।
पत्नी और परिवार
अनिरुद्धाचार्य एक गृहस्थ कथावाचक हैं। उनका विवाह हो चुका है और उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है। उनके परिवार में दो पुत्र भी हैं। वे अपने परिवार के साथ ही रहते हैं और एक सामान्य गृहस्थ जीवन का पालन करते हुए आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं।
अनिरुद्धाचार्य की फीस कितनी होती है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक दिन की कथा के लिए 1 से 3 लाख रुपये तक फीस चार्ज करते हैं। वहीं, 7 दिन की भागवत कथा के लिए वे 10 से 15 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं। वे यूट्यूब से भी मोटी कमाई करते हैं।
बिग बॉस में बुलावे पर भी हुआ था खूब विवाद
लोकप्रिय रियलिटी शो 'बिग बॉस' के निर्माताओं ने उन्हें शो में शामिल होने के लिए संपर्क किया था। इस खबर ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी थी कि क्या एक आध्यात्मिक व्यक्ति को ऐसे रियलिटी शो में शामिल होना चाहिए। हालांकि, अनिरुद्धाचार्य ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। बाद में वह शो के प्रीमियर एपिसोड के दौरान एक अतिथि के रूप में दिखाई दिए, जहां उन्होंने होस्ट सलमान खान को भगवद गीता की एक प्रति भेंट की। इसके अलावा वे 2024 में रियलिटी टेलीविजन शो लाफ्टर शेफ्स - अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट में अतिथि के रूप में दिखाई दिए।