Mughal history: सभी मुगल विदेशी थे जो तुर्क से आए थे। तुर्क से आकर उन्होंने भारत के एक बड़े भू-भाग पर लूटपाट और धर्मांतरण के साथ ही बाद में अपना शासन स्थापित किया था। ऐसा इतिहास से सिद्ध होता है। भारत में पहला मुगल कौन आया था और अंतिम मुगल कौन था जानिए एक लिस्ट और साम्राज्य क्षेत्र की जानकारी।
1. बाबर : मुगल वंश का संस्थापक बाबर एक लुटेरा था। उसने उत्तर भारत में कई लूट को अंजाम दिया। मध्य एशिया के समरकंद राज्य की एक बहुत छोटी सी जागीर फरगना (वर्तमान खोकंद) में 1483 ई. में बाबर का जन्म हुआ था। उसका पिता उमर शेख मिर्जा, तैमूर शाह तथा माता कुनलुक निगार खानम मंगोलों की वंशज थी। बाबर ने अपने विजय पत्र में अपने को मूर्तियों की नींव का खंडन करने वाला बताया। इस भयंकर संघर्ष से बाबर ने गाजी की उपाधि प्राप्त की थी। गाजी उसे कहा जाता है जो काफिरों का कत्ल करे। बाबर की मातृभाषा चग़ताई भाषा थी, लेकिन प्रचलित भाषा फारसी में भी वह प्रविण था। बाबर का टकराव इब्राहिम लोदी सहित कई शासकों के साथ हुआ। 1519 से 1526 ई॰ तक भारत पर इसने 5 बार आक्रमण किया। 11526 में उसने पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी। बाबर तैमूरी राजवंश से था।
साम्राज्य विस्तार : बाबर ने पहले काबुल फतह किया, फिर हेरात और फिर बुखारा एवं कंधार पर कब्जा किया। इसके बाद उसने दिल्ली पर अपनी फतह की। फिर राणा सांगा के घायल होने के चलते खानवा पर धोखे से जीत हासिल की इसके बाद आगरा एवं चंदेरी और फिर बाबर ने गंगा नदी पार करके घाघरा नदी के पास अफगानों से घमासान युद्ध करके उन्हें पराजित किया। यहां तक उसका साम्राज्य हो चला था।
2. हुमायूं : बाबर की मृत्यु के बाद 1530 ईस्वी को 23 वर्ष की आयु में हुमायूं का राज्याभिषेक किया गया। मृत्यु के पहले हुमायूं को उत्तराधिकार बनाने के साथ ही बाबर ने अपने साम्राज्य को अपने भाइयों में बांटने का निर्देश भी दिया था। अतः उसने असकरी को सम्भल, हिन्दाल को मेवात तथा कामरान को पंजाब की सूबेदारी प्रदान की थी। हुमायूं ने बाबर की ही तरह लूट और क्रूरता का दौर जारी रखा। उसने गुजरात के कलिंजर कर अभियान चलाया इसी दौरान दौहरिया का युद्ध हुआ। फिर चुनार को घेर लिया गया। चुनार की सफलता के बाद हुमायूँ ने बंगाल पर विजय प्राप्त की। हुमायूं के कंधार और काबुल जैसे खोए हुए कई राज्यों पर पुन: अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी। उसने लाहौर और पेशावर को भी अपने अधिकार में ले लिया था।
3. अकबर : हुमायूं की मृत्यु के बाद उसका पुत्र अकबर गद्दी पर बैठा। अकबर का संरक्षक बैरम ख़ां था। तब छत्रिय राजा हेमचंद्र सेना लेकर दिल्ली आया और उसने मुगलों को वहां से भगा दिया। बाद में पानीपत की लड़ाई में हेमचंद्र की आंखों में तीर लगने से वह यह युद्ध हार गया। उसके बाद अकबर की शक्ति बढ़ती गई। अकबर ने उत्तर भारत के कुछ हिस्से, मालवा, गुजरात के कुछ हिस्से, राजस्थान, बिहार, बंगाल, उड़ीसा, काबुल, कश्मीर, सिंध, कंधार, खानदेश, अहमदनगर, बीजापुर एवं गोलकुंडा पर अधिकार कर लिया। उल्लेखनीय है कि उसने कभी भी संपूर्ण दक्षिण पर विजय प्राप्त नहीं की थी। बाद में राजस्थान और गुजरात के कुछ क्षेत्र उसके हाथों से जाते रहे।
4. जहांगीर : अकबर के बाद उसका बेटा जहांगीर तख्त पर बैठा। उसके साम्राज्य की राजधानी आगरा और दिल्ली थी। अकबर के बेटे जहांगीर के पांच पुत्र थे- खुसरो, परवेज, ख़ुर्रम, शहरयार और जहांदार। खुसरो ने अपने पिता जहांगीर की नीतियों से तंग आकर उसके खिलाफ विद्रोह कर दिया। जहांगीर ने ख़ुसरो को गिरफ्तार करवा कर आगरा के किले में नजरबंद करवा दिया। सिक्खों के पांचवे गुरु अर्जुन देव को जहांगीर ने फांसी दिलवा दी, क्योंकि उन्होंने विद्रोह के समय खुसरो का सहयोग किया था। बाद में खुर्रम (शाहजहां) ने अपने दक्षिण अभियान के समय खुसरो को अपने साथ ले जाकर उसकी हत्या करवा दी। इस तरह आपसी लड़ाई में ही जहांगीर का शासन काल उलझा रहा। जहांगीर ने उन्हीं प्रदेशों को जीतने पर विशेष बल दिया, जिसे अकबर के समय पूर्णतः विजित नहीं किया गया था। उसने मेवाडू और दक्षिण की ओर अभियान चलाए। मेवाड़ जीत नहीं सकते लेकिन संधि हो गई। जहांगीर ने जीवन के अंतिम अंतिम पड़ाव में नूरजहां को शासन सौंप दिया था।
5. शाहजहां : जहांगीर के पश्चात उसका पुत्र खुर्रम शाहजहां के नाम से पांचवां मुगल बादशाह बना। जहांगीर की मृत्यु के बाद शाहजहां ने अपने ससुर आसफ खां को यह निर्देश दिया था कि वह शाही परिवार के उन समस्त लोगों को समाप्त कर दें, जो तख्त के दावेदार हैं। हुआ भी यही। जहांगीर कट्टर सुन्नी मुस्लिम था। उसके शासन काल में फिर से हिंदुओं और शियाओं पर अत्याचार और दमन चक्र शुरु हआ। शाहजहां ने मेवाड़ पर विजय प्राप्त की, लेकिन बुंदेलखंड को लेकर उसका संघर्ष चलता रहा। शाहजहां के शासन काल में ही सिख पंथ के छठे गुरु हरगोविंद सिंह से मुगलों का संघर्ष हुआ, जिसमें सिक्खों को पराजय झेलना पड़ी थी।
6. औरंगजेब : शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब ने कैद कर लिया था। औरंगजेब कट्टर मुस्लिम था। दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों पर प्राप्त विजयों के जरिए इसने मुगल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैला लिया था। औरंगजेब का संघर्ष मराठा, सिख और जाट साम्राज्य से हुआ जहां वह कभी पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाया। लेकिन उसने अपने अधिकार क्षेत्र के संपूर्ण राज्यों को पूर्ण इस्लामिक बनाने के लिए कई मंदिरों और गुरुद्वारों को ध्वस्त किया और वहां पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया।
7. बहादुर शाह प्रथम : बहादुर शाह प्रथम का शासन 22 मार्च, 1707 ईस्वी से 27 फरवरी, 1712 ईस्वी तक रहा। उसके शासन काल से ही मुगलों का पतन होना प्रारंभ हो गया था।
8. बहादुर शाह ज़फ़र : मुगल साम्राज्य के अंतिम बादशाह थे। 1857 का विद्रोह असफल होने में एक कारण ये भी थे। इनको लगाता था कि विद्रोह सफल हो गया तो हिंदुओं की सत्ता आ जाएगी। अंग्रेजों के डर से ये देश छोड़कर भाग गए थे। बाद में 86 वर्ष की अवस्था में रंगून (वर्तमान यांगून), बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में उनकी मृत्यु हो गई थी।