नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही बुधवार को नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई। उम्मीदवार 29 जून तक नामांकन भर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 2 जुलाई है। मतदान 18 जुलाई को निर्धारित है जबकि मतगणना के लिए 21 जुलाई की तारीख तय है।
नामांकन की प्रक्रिया उस दिन शुरू हुई है जब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। राष्ट्रपति चुनाव में राजग के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 7 मुख्यमंत्रियों सहित 19 राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।
राष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से गुप्त मतदान के जरिए होता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मण्डल से होता है, जिसमें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इनमें दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभा भी शामिल हैं।
राज्यसभा और लोकसभा या राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं। मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा जबकि मतों की गिनती दिल्ली में होगी।