इलाहाबाद कुंभ मेला : श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का परिचय
ओम् संसा स्वासे में सोया, जहां सोया तहां समाया ।जो जाने स्वासे का भेव, आपे करता आपे देव ।उलट गगन में चन्द्र समावे, पढ़ बीज मत्र श्रीचन्द्र सुनावे।उदासीन का शाब्दिक अर्थ है उत्+आसीन= उत् = ऊंचा उठा हुआ अर्थात ब्रह्रा में आसीन = स्थित, समाधिस्थ।जब यह सारा भूमण्डल जलमग्न था, भगवान विष्णु शेषशैय्या पर आसीन थे, उनकी नाभिकमल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई और ब्रह्माजी से मानसिक सृष्टि की रचना हुई। तब, सर्वप्रथम सनक, सनन्दन, सनातन एवं सनत्कुमार उत्पन्न हुए। चारों कुमारों ने आजीवन ब्रह्राचर्यपूर्वक, त्यागनिष्ठायुक्त, तपश्चर्यापूर्वक जीवन व्यतीत करने का दृढ़ संकल्प लिया जो आज भी अजर-अमर बाल्यस्वरूप में मया प्रपंच से मुक्त, ब्रह्रा का चिन्तन करते हुए उदासीन रूप में परिभ्रमण कर रहे हैं। इन्हीं चारों मनीषियों से उदासीन साधुओं की परम्परा विकसित हुई।मध्यकाल में सरस्वती की धारा के समान क्षीण होती हुई उदासीन परम्परा को श्रीविनाशी मुनि ने पुर्नजीवन दिया तथा 165वें आचार्य श्रीश्रीचन्द्र ने उसे अखण्डता प्रदान की।उदासीन सम्प्रदाय के चारों धूनों और पांचों बख्शीशों; मींहा साहेबजी, भगत भगवानजी, दीवानाजी, अजीतमल्ल सोढ़ीजी, बख्तमल जीद्ध एवं दस उप बख्शीशों के उदासीन महात्माओं ने सम्पूर्ण भारत में धर्म और संस्कृति के प्रचार केन्द्रों की स्थापना की। इसी परंपरा में आगे चलकर संत निर्वाण प्रियतमदासजी हुए, जिनका उदासीन समाज को अपूर्व योगदान है। उक्त अड़ाड़े की शाखाएं 17 जगह पर है। इसका मुख्यालय श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन। कृष्णा नगर, इलाहाबाद में है। इनके प्रमुख संत हैं- श्रीमान महन्त रघुमुनिजी, श्रीमहन्त महेश्वरदासजी, महन्त दुर्गादास और महन्त संतोष मुनिजी।कुंभ में इस अखाड़े का कार्यक्रम निम्नानुसार है-1.
श्रीधर्म ध्वाजारोहण दिनांक 9-1-2013 दिन बुधवार पौषकृष्ण पक्ष द्वादशी/त्रयोदशी, समय 8.53 प्रात: से प्रारम्भ कुम्भ लग्न में।2.
प्रवेश शाही दिनांक 10-1-2013 दिन गुरुवार पौष कृष्ण पक्ष चतुदर्शी प्रारम्भ 8.49 प्रात: से धनु लग्न में/ छावनी प्रवेश मिथुन लग्न में समय 5.35 सांय को। मुख्य शाही स्नान : 1.
मकर संक्रान्ति दिनांक 14-1-2013 दिन सोमवार (पौष शुक्ल तृतीया संवत् 2069)2.
मौनी अमावस्या दिनांक 10-2-2013 दिन रविवार (संवत् 2069)3.
बसंत पंचमी दिनांक 15-2-2013 दिन शुक्रवार (संवत् 2069)