विश्व का सबसे बड़ा और अपने आप में अनूठा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं धार्मिक आयोजन महाकुंभ हरिद्वार में 14 जनवरी से शुरू हो चुका है। 21वीं सदी के पहले महाकुंभ में हाड़कंप ठंड के बावजूद सीने में आस्था और विश्वास की अग्नि जलाए अनगिनत श्रद्धालुगण मुनि की रेती, ऋषिकेश, हरिद्वार व ज्वालापुर के गंगा-तटों पर स्नान कर एक ओर अपने पूर्वजों को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहें है तो दूसरी ओर अपने लिए पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं।
14 जनवरी की मकर संक्रांति के स्नान के ठीक अगली तिथि को हुए सूर्य-ग्रहण का स्नान भी संपन्न हो चुका है और अब महात्म्य और पवित्रता की आस्थामयी दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्नान 20 जनवरी को बसंत पंचमी और 30 जनवरी को माघ पूर्णिमा का होने वाला है।
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गढ़वाल मंडल के चार जिलों तक फैले इस कुंभ मेले की सुरक्षा-व्यवस्था को चौकस करते हुए मुख्य स्नान-स्थल हर की पौड़ी की सुरक्षा अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दी गई है। पुण्य की चाह में गंगा-स्नान को उमड़े श्रद्धालुओं को गंगा की तीव्र धारा में बह जाने से बचाने के लिए जल-पुलिस के 400 गोताखोर घाटों पर चौकसी कर रहे हैं। यूँ कुंभ क्षेत्र में मेला अवधि में होने वाली किसी भी अनहोनी से मृत्यु होने पर परिजन को केंद्र ने एक लाख रुपए का मुआवजा देने की अनुमति कुंभ मेला प्रशासन को दे रखी है।
इधर राज्य की सीमाओं पर कुंभ के मद्देनजर चौकसी बढ़ा दी गई है। राज्य में प्रवेश कर रहे वाहनों की सीमा पर निरीक्षण के अलावा संपर्क मार्गों और पुलों पर होनेवाली गतिविधियों पर भी चौकस नजरें रखी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सीमा पर नारसन, मंडावर, लखनौल और कालीनदी चैकपोस्ट पर प्रत्येक वाहन की तलाशी के निर्देश जारी हैं। इन सीमाओं को सीआरपीएफ के निगहबान कर दिया गया है। वहीं केंद्र की योजना है कि वह मुख्य स्नानपर्वों पर हैलीकॉप्टर से भी निगरानी रखेगी। सुरक्षा व्यवस्था में आम जनता की सहभागिता के लिए उनसे अपील की जा रही है। कई भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसी टीवी कैमरे लगे हैं।
महाकुंभ पर देश के कोने-कोने से कुंभ नगरी तक लोगों को लाने के लिए हावड़ा-दिल्ली-जम्मू समेत तमाम रूटों से यहाँ पहुँचने के लिए नई ट्रेनें शुरू की गई हैं। 30 दिसंबर से हावड़ा-हरिद्वार के बीच सप्ताह में पाँच दिन चलनेवाली गाड़ियों से हावड़ा, पटना और लखनऊ आदि स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा में इजाफा हुआ है। विशेष स्नान पर्वों जैसे महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या पर लखनऊ, जम्मू और अमृतसर से क्रमशः 11 फरवरी व 14 मार्च को एक-एक स्पेशल एक्सप्रेस रेलगाड़ी चलाए जाने की घोषणा की गई है।