Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- माघ कृष्ण पंचमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-ओशो महोत्सव, गहोई दिवस
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia

Maha Kumbh 2025: संगम में डुबकी के बाद इन 3 मंदिरों के दर्शन नहीं किए तो यात्रा रह जाएगी अधूरी, जानिए क्यों है ये जरूरी

Advertiesment
हमें फॉलो करें Maha Kumbh 2025: संगम में डुबकी के बाद इन 3 मंदिरों के दर्शन नहीं किए तो यात्रा रह जाएगी अधूरी, जानिए क्यों है ये जरूरी

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 (09:25 IST)
Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और यह भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। 2025 में होने वाले महाकुंभ के दौरान, लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे। लेकिन केवल संगम में डुबकी लगाना ही पर्याप्त नहीं है। इस यात्रा को पूर्ण बनाने के लिए आपको कुछ प्रमुख मंदिरों के दर्शन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं उन मंदिरों के बारे में जिनके दर्शन से महाकुंभ यात्रा का पुण्य पूरा होता है।

पातालपुरी मंदिर आध्यात्मिक शांति का स्थल
पातालपुरी मंदिर, प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान श्रीराम के परम भक्त भक्त हनुमान को समर्पित है। मान्यता है कि यहां भगवान राम और हनुमान का साक्षात्कार हुआ था। पातालपुरी मंदिर के दर्शन से व्यक्ति के जीवन के सारे दुख समाप्त हो जाते हैं और उसे आध्यात्मिक शांति मिलती है। महाकुंभ के समय इस मंदिर के दर्शन से पुण्य की प्राप्ति होती है।

नागवासुकी मंदिर पवित्र जल और नाथों का धाम
नागवासुकी मंदिर प्रयागराज के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर नागों के देवता नागवासुकी को समर्पित है। यहाँ पर श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा करते हैं। नागवासुकी मंदिर का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे महाकुंभ के समय विशेष रूप से पूजा जाता है। अगर आप महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, तो इस मंदिर के दर्शन करना आपके लिए विशेष फलदायी हो सकता है।

सरस्वती कूप ज्ञान की देवी सरस्वती की उपासना
सरस्वती कूप, प्रयागराज के एक ऐतिहासिक स्थल है जहां देवी सरस्वती का मंदिर स्थित है। यह कूप पवित्र जल से भरपूर है, जिसे शास्त्रों के अनुसार अद्भुत माना जाता है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु यहाँ आकर ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कामना करते हैं। इस कूप के दर्शन से व्यक्ति का जीवन सुखमय और समृद्ध हो सकता है।

 अक्षय वट मृत्यु से मुक्त होने का स्थान
अक्षय वट, प्रयागराज का एक और पवित्र स्थान है। यह वट वृक्ष अत्यधिक पवित्र माना जाता है, और इसकी छांव में बैठने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। मान्यता है कि इस वट वृक्ष के नीचे पूजा करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में यहां आकर दर्शन करना हर श्रद्धालु के लिए जरूरी होता है, ताकि उसकी यात्रा पूरी और सिद्ध हो सके।

महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और विश्वास का प्रतीक है। संगम में डुबकी लगाने के साथ-साथ इन प्रमुख मंदिरों के दर्शन से आपकी महाकुंभ यात्रा संपूर्ण होती है और आपकी आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य प्राप्त होता है।
ALSO READ: महाकुंभ 2025: कौन होते हैं नागा साधु, जानिए क्या है इनके अद्भुत जीवन का रहस्य? 
महाकुंभ 2025 का आयोजन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। यदि आप इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, तो संगम में डुबकी लगाने के बाद इन मंदिरों के  दर्शन करना न भूलें। इन मंदिरों के दर्शन से आपको न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि आपका जीवन भी सुखमय और समृद्ध बनता है।
 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण  आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं है करता । किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: आज इन 4 राशियों को रखना होगा सेहत का ध्यान, पढ़ें 20 दिसंबर का राशिफल