हरिद्वार कुंभनगरी में मंगलवार को वीवीआईपी के पहुँचने से प्रशासन के सम्मुख काफी परेशानी खड़ी रही। देश के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज एवं राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष नितिन गड़करी के आने से प्रशासनिक अधिकारी इनकी आवभगत में जुटे रहे। तो प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' भी उनकी अगवानी के लिए पहुँच गए।
बैशाखी के पावन पर्व पर दोनों नेताओं ने अपने साथ आए लाव लश्कर के साथ हर की पैड़ी में स्नान किया। पूजा-अर्चना के बाद उत्तराखण्ड सरकार की कुंभ व्यवस्थाओं का गुणगान करना भी नहीं भूले। उनका कहना था कि सरकार ने कुंभ की व्यवस्थाओं को अपेक्षा से अधिक सफल बनाकर अपनी अग्नि परीक्षा विशेष अंकों के साथ उत्तीर्ण कर ली।
बैशाखी के स्नान के लिए देश भर ही नहीं दुनिया भर के तमाम देशों के श्रद्घालु भी कुंभ में पहुँचकर यहाँ के तमाम घाटों में हर-हर गंगे कह डुबकियाँ लगाते दिखे। एक पूरा शहर हरिद्वार की सड़कों पर ही बिछा हुआ है।
सड़कों पर रहकर कुंभ के पुण्यकाल की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्घालु पाँच हजार वर्ष बाद पड़ रहे उस सर्वार्थ सिद्वि योग के आने की घड़ी पर कुंभ स्नान करना चाहते हैं, जिसमें स्नान कर प्राणी को मोक्ष तो मिलता ही है साथ ही इस दुर्लभ घड़ी में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वह ताकत भी है जो कि मानवमात्र को बंधु-बाँधवों के वध से लेकर ब्रह्म हत्या के भी पाप से मुक्ति दिला सके। महाकुंभ का चौथा शाही स्नान दुर्लभ संयोग के चलते भी अद्भुत है।
गंगा आरती में भी संवेदनशील इलाकों का भी निरीक्षण किया। सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले ललतारो पुल की व्यवस्था उन्होंने स्वयं देखी।