प्रयाग कुंभ, दान के प्रकार जानिए
तीर्थराज प्रयाग में स्नान, दान और यज्ञ का बड़ा महत्व है। पुराणों में कहा गया है कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर किया गया दान परलोक में या जन्म-जन्मांतर तक कई गुना होकर दानकर्ता को प्राप्त होता है। प्रयाग के तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालु यात्रियों को चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें चौरासी वस्तुओं का दान करने को कहते हैं। आओ जानते हैं कि दान के मुख्यप्रकार कितने है।1.
गोदान2.
गुप्तदान3.
अन्न दान4.
फल दान5.
ताम्बूल दान6.
वेणी दान7.
भूमि दान8.
तुला पुरुष दान9.
किंचिद्दान10.
सर्वस्व दान11.
ब्रह्माण्ड दान12.
हिरण्यगर्भ दान13.
कल्पपादप या कल्पवृक्ष दान14.
गोसहस्र दान15.
कामधेनु दान16.
हिरण्याश्व दान17.
हिरण्याश्वरथ दान18.
हेमहस्तिरथ दान19.
पंचलागलक दान20.
धरादान या हेमधरा दान21.
विश्वचक्र दान22.
महाकल्पलता दान23.
सप्तसागरक दान24.
रत्नधेनु दान25.
महाभूतघट दान26.
विविध दान27.
कन्या दान28.
शय्यादान 27.
तिल दान -
वेबदुनिया संदर्भ