हरिद्वार महाकुंभ में गत दिवस सुबह सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में महानिर्वाणी अखाड़े के 501 पुरुष संन्यासियों को गंगा तट पर महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विश्ववेश्वरानंद महाराज ने प्रेयस मंत्र देकर नागा संन्यासी के रूप में गृहस्थ अखाड़े को शामिल कर लिया। कई दिनों से इन नागाओं के लिए संस्कार महानिर्वाणी अखाड़ा करा रहा था।
इससे पूर्व इनको गंगा में 108 डुबकियाँ लगवाकर इनका मुंडन एवं इनके द्वारा स्वयं के श्राद्घ भी करवाया गया था। नागाओं को अखाड़ों में शामिल करने के लिए अंतिम शाही स्नान से पूर्व सभी अखाड़ों को आजकल सक्रिय देखा जा रहा है।
ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य एवं शारदापीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती गंगा सेवा कुंभ आदेश कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। यह अभियान गंगा की धारा को अविरल बहने देने तथा गंगा को प्रदूषण मुक्ति के लिए अभियान चलाने के लिए किया जा रहा है। इस बैठक में देश के कई विशिष्ट लोग एवं कई विद्घान शामिल होंगे।
कुंभ में तमाम संगठनों समेत अखाड़ों एवं संस्थाओं ने भी सामाजिक सरोकारों के संदेश दिए हैं। उत्तराखण्ड प्रांतीय गोस्वामी महासभा समिति के पंचदशमी गोस्वामी समाज के महंतों व संतों समेत गृहस्थ संन्यासियों ने भी जल-जंगल बचाओ अभियान को लेकर बैठक की। हर-हर गंगे सम्मेलन नाम से आयोजित इस सम्मेलन में कई प्रस्ताव भी पारित किए गए।
आगामी 9 अप्रैल से कुंभनगरी में नई यातायात व्यवस्था लागू करने के लिए प्रशासन ने कमर कसनी शुरू कर दी है। शहर में भीड़ बढ़ने से रोजाना होने वाले स्नानों में श्रद्घालुओं की तादाद भी भारी मात्रा में दिखाई दे रही है। गत दिवस हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कुंभनगरी पहुँचकर कई धार्मिक कार्यक्रमों सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गंगा स्नान, पूजादि कर कई संतों से भी भेंट की।