Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत-भ. महावीर दीक्षा कल्याणक दि.
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आश्चर्य! 75 साल से सिर्फ हवा पर जिंदा हैं बाबा...(वीडियो)

हमें फॉलो करें आश्चर्य! 75 साल से सिर्फ हवा पर जिंदा हैं बाबा...(वीडियो)
, बुधवार, 4 जनवरी 2017 (11:14 IST)
क्या कोई व्यक्ति बिना खाए-पिए जिंदा रह सकता है, वह भी लगातार 75 साल तक? निश्चित ही सभी का जवाब में नहीं होगा, लेकिन गुजरात में एक शख्स ऐसा है, जिसने 75 साल से कुछ भी खाया और पीया नहीं है। आज इस व्यक्ति की उम्र 86 साल की हो चुकी है और यह शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है। जरूरत पड़ने पर यह व्यक्ति कई किलोमीटर पैदल भी चल लेता है। 
यह व्यक्ति हैं संत प्रहलाद जानी। यह अपने अनुयायियों के बीच बाबा जानी और माताजी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। बाबा जानी गुजरात के प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर के पास स्थित एक गुफा में रहते हैं। इनका दावा है कि ये 75 साल से बिना कुछ खाए-पीए न सिर्फ जिंदा हैं, बल्कि पूरी तरह स्वस्थ भी हैं। 
 
13 अगस्त के 1929 में मेहसाणा जिले के चारदा गांव में जन्मे बाबा का कहना है कि 7 साल की उम्र में ही उन्होंने घर छोड़ दिया और 11 साल की उम्र से ही वे संन्यासी बन गए। उनका कहना है कि उन्हें दुर्गा माता का वरदान मिला है। उन्होंने बताया कि जब मैं 7 साल का था, तब कुछ साधू मेरे पास आए। उन्होंने मुझे साथ चलने के लिए कहा था तो मैंने इनकार कर दिया था। इस घटना के करीब छह महीने बाद देवी जैसी तीन कन्याएं (दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती) मेरे पास आईं और मेरी जीभ पर अंगुली रखी। तब से आज तक मुझे न तो प्यास लगती है और न ही भूख लगती।

देखें वीडियो...
बाबा जानी का कहना है कि कई बार मैं जंगलों में 100-200 किमी तक पैदल चला जाता हूं, इसके बावजूद मुझे कभी भूख प्यास नहीं लगती है। बाबा के इन दावों की जांच के लिए करीब 30 डॉक्टरों की टीम भी गठित की जा चुकी है, जिसने अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल में करीब 15 दिनों तक निगरानी की। वर्ष 2010 में भी साधु प्रहलाद जानी के उनके ऊपर 3 कैमरे लगाए गए और 24 घंटे निगरानी रखी गई, लेकिन इसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं पाया गया। डॉक्टर खुद भी हैरान हैं कि उन्हें आखिर जीवित रहने के लिए ऊर्जा कहां से मिलती है।
 
इन जांच प्रक्रियाओं के अगुआ रहे अहमदाबाद के न्यूरॉलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने कहा कि उनका कोई शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है। वे अनजाने में ही बाहर से शक्ति प्राप्त करते हैं। उन्हें कैलरी यानी भोजन की जरुरत नहीं पड़ती। हमने कई दिन तक उनका अवलोकन किया, एक एक सेकंड का वीडियो लिया, उन्होंने न तो कुछ खाया, न पिया, न पेशाब किया और न शौचालय गए।
 
महिला वेशभूषा : सफेद झूलती दाढ़ी वाले बाबा जानी महिलाओं जैसा श्रृंगार करते हैं। वे लाल साड़क्ष पहनते हैं, नाक में नथ भी पहनते हैं। उनका परिधान मां अंबाजी जैसा ही होता है। इसीलिए श्रद्धालु उन्हें माताजी के नाम से पुकारते हैं, उनकी आरती भी करते हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

4 जनवरी 2017 : क्या कहती है आपकी राशि