Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(नवमी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण नवमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-पंचक प्रारंभ दिन 11.26 से
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

जानिए डॉ. सैयदना साहब के बारे में 15 खास बातें...

हमें फॉलो करें जानिए डॉ. सैयदना साहब के बारे में 15 खास बातें...
दाऊदी बोहरा समाज के 51वें धर्मगुरु सैयदना ताहेर सैफुद्दीन साहब के घर सन् 1915 में एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया था, जिन्हें सभी 52वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना साहब के नाम से जानते है।


 



आपका पूरा नाम सैयदना डॉ. अबुल काईद जौहर मोहम्मद बुरहानुद्दीन है। डॉ. सैयदना अधिकांश समय पिता के साथ रहे और उनसे ज्ञानार्जन करते रहे।

52वें धर्मगुरु सैयदना साहब के बारे में कुछ खास बातें :-

webdunia
FILE


* सैयदना साहब का जन्म 1915 में सूरत में हुआ था।

* पिता डॉ. सैयदना ताहेर सैफुद्दीन थे।

* मात्र 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने वालिद की देखरेख में कुरान-ए-मजीद को याद कर लिया था।

webdunia
FILE


* सैयदना साहब को मात्र 17 वर्ष की उम्र में उनके पिता ने 'हदीयत' रुतबे से सम्मानित किया।

* तत्पश्चात 19 साल की उम्र में 'माजून' का रुतबा देकर उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

* सन् 1936 में वे दाम्पत्य जीवन में बंधे।

webdunia
FILE


* 1941 में सैयदना साहब को अल-अलीम-उर-रासिक का खिताब दिया गया।

* 1965 में वालिद के इंतकाल के बाद वे 52वें धर्मगुरु बने। डॉ. सैयदना साहब दाई उल मुतलक की गादी पर बैठने से पहले पिताश्री की अंतिम ख्वाहिश पूरी करने के लिए मिस्र गए, जहां भव्य समारोह में चांदी की जरी इमाम हुसैन का सर मुबारक जहां दफन है, वहां स्थापित की।

* मिस्र की यात्रा के बाद उन्होंने 52वें धर्मगुरु की बागडोर संभाली।

webdunia
FILE


* अल-अजहर यूनिवर्सिर्टी ऑफ कैरो, इजिप्ट ने उन्हें डॉक्टर ऑफ इस्लामिक स्टडीज की उपाधि प्रदान की। यह दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है।

* उन्होंने सन् 1978-79 में सूरत में 'मूलतका' सम्मेलन का आयोजन किया गया। इससे समाज को एक नई दिशा मिली। इस सम्मेलन में संपूर्ण विश्व के समाजजनों ने शिरकत की। मुलतका सम्मेलन के परिणामस्वरूप समाज की महिलाओं ने सिर ढंकना प्रारंभ किया।

* उन्होंने समाजजन को समझाइश दी कि दाढ़ी हमारे स्वाभिमान का परिचायक है।



* मिस्र सरकार ने डॉ. सैयदना साहब को 'विशाउन निल' का खिताब दिया।

* डॉ. सैयदना साहब को जार्डन की सरकार ने 'स्टार ऑफ जार्डन' के अलंकरण से विभूषित किया।

* 17 जनवरी 2014 को डॉ. सैयदना साहब के जन्नतनशीन हुए।


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi