Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(गुप्त नवरात्रि प्रारंभ)
  • तिथि- आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • जयंती/त्योहार/व्रत/मुहूर्त-गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दि
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia

रविदास जयंती : जानिए संत शि‍रोमणि‍ रविदास जी को

Advertiesment
हमें फॉलो करें रविदास जी
'मन चंगा तो कठौती में गंगा' यह वाक्य तो आपने अवश्य सुना होगा। इस वाक्य को हम तक पहुंचाने का श्रेय संत शि‍रोमणि‍ रविदास जी को जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार कोई भी इंसान जात-पांत से बड़ा या छोटा नहीं होता बल्कि मन, वचन और कर्म से बड़े या छोटे होते हैं। संत शिरोमणि रविदास जात से मोची थे, लेकिन मन, कर्म और वचन से ब्राह्मण। जो ब्रह्म को जानने में उत्सुक है वही ब्राह्मण कहलाता है।  
 

 
 
 
कार्य ही ध्यान है -  संत कवि रविदास कबीर के गुरु भाई थे। गुरु भाई अर्थात दोनों के गुरु एक ही थे और वे थे स्वामी रामानंद। संत रविदास का जन्म लगभग 600 साल पूर्व काशी में हुआ था। चर्मकार कुल में जन्म लेने के कारण जूते बनाने का काम उनका पैतृक व्यवसाय था और इस व्यवसाय को ही उन्होंने ध्यान विधि बना डाला। कार्य कैसा भी हो, यदि आप उसे ही परमात्मा का ध्यान बना लें तो मोक्ष आसान हो जाता है।

रविदासजी अपना काम पूरी लगन और ध्यान से करते थे। इस काम में उन्हें इतना आनंद मिलता था कि वे बिना मूल्य लिए ही जूते भेंट कर देते थे। मानो किसी परमात्मा के लिए जूते बनाए हैं तो फिर मूल्य क्या। मूल्य मोक्ष से कम नहीं।

webdunia


 
 
मन चंगा तो कठौती में गंगा 
संत रविदास जी से जब एक बार किसी ने गंगा स्नान करने के लिए चलने को कहा तो उन्होंने कहा- कि नहीं, मुझे आज ही किसी को जूते बनाकर देना है। यदि नहीं दे पाया तो वचन भंग हो जाएगा। रविदास के इस तरह के उच्च आदर्श और उनकी वाणी, भक्ति एवं अलौकिक शक्तियों से प्रभावित होकर अनेक राजा-रानियों, साधुओं तथा विद्वज्जनों ने उनको सम्मान दिया है।
 
उनकी इस साधुता को देखकर संत कबीर ने कहा था- कि साधु में रविदास संत हैं, सुपात्र ऋषि सो मानियां।
 
रविदास राम और कृष्ण भक्त परंपरा के कवि और संत माने जाते हैं। उनके प्रसिद्ध दोहे आज भी समाज में प्रचलित हैं जिन पर कई धुनों में भजन भी बनाए गए हैं। जैसे, प्रभुजी तुम चंदन हम पानी- इस प्रसिद्ध भजन को सभी जानते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi