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एकनाथ छठ क्यों मनाई जाती है, जानिए संत के बारे में 5 खास बातें

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 20 मार्च 2025 (10:35 IST)
Sant Eknath Maharaj: एकनाथ षष्ठी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार संत एकनाथ महाराज की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष एकनाथ षष्ठी चैत्र कृष्ण षष्ठी तिथि यानी 20 मार्च 2025, गुरुवार को मनाई जा रही है। उनका मराठी साहित्य और भक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान है।ALSO READ: एकनाथ षष्‍ठी कैसे मनाएं, क्यों मनाया जाता है यह पर्व

आइए जानते हैं उनके बारे में...
 
एकनाथ षष्ठी का महत्व: यह त्योहार संत एकनाथ महाराज के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह त्योहार उनके द्वारा किए गए सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यों को याद दिलाता है। यह त्योहार हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
 
संत एकनाथ महाराज के बारे में 5 खास बातें:
 
1. जन्म और परिवार: संत एकनाथ का जन्म 1533 ईस्वी में महाराष्ट्र के पैठण में हुआ था। उनके पिता का नाम सूर्यनारायण और माता का नाम रुक्मिणी था।
 
2. गुरु : उनके गुरु का नाम जनार्दन स्वामी था। उन्होंने अपने गुरु से ज्ञानेश्वरी, अमृतानुभव, श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों का अध्ययन किया था।
 
3. सामाजिक सुधार: संत एकनाथ ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों का विरोध किया। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को एक साथ रहने और प्यार करने का उपदेश दिया।
 
4. साहित्यिक योगदान: उनकी रचनाओं में श्रीमद्भागवत एकादश स्कंध की मराठी-टीका, रुक्मिणी स्वयंवर, भावार्थ रामायण आदि प्रमुख हैं।
 
5. समाधि: संत एकनाथ ने 1599 ईस्वी में चैत्र कृष्ण षष्ठी को पैठण में समाधि ली। एकनाथ षष्ठी हमें संत एकनाथ महाराज के आदर्शों और मूल्यों को याद दिलाता है। यह त्योहार हमें प्रेम, करुणा और सद्भाव का संदेश देता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: पापमोचनी एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व?

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