Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल पंचमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-पांडव पंचमी, ज्ञान पंचमी, गुरु गोविंद सिंह पुण्य.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

कितने प्रकार के होते हैं ऋषि, जानिए

हमें फॉलो करें कितने प्रकार के होते हैं ऋषि, जानिए

अनिरुद्ध जोशी

भारतीय ऋषियों और मुनियों ने ही इस धरती पर धर्म, समाज, नगर, ज्ञान, विज्ञान, खगोल, ज्योतिष, वास्तु, योग आदि ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया था। दुनिया के सभी धर्म और विज्ञान के हर क्षेत्र को भारतीय ऋषियों का ऋणी होना चाहिए। उनके योगदान को याद किया जाना चाहिए। उन्होंने मानव मात्र के लिए ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी, समुद्र, नदी, पहाड़ और वृक्षों सभी के बारे में सोचा और सभी के सुरक्षित जीवन के लिए कार्य किया। आओ, जानते हैं कि कितने प्रकार के होते हैं ऋषि।
 
 
ऋषियों की संख्‍या सात ही क्यों?
 
रत्नकोष में भी कहा गया है-
।।सप्त ब्रह्मर्षि, देवर्षि, महर्षि, परमर्षय:।
कण्डर्षिश्च, श्रुतर्षिश्च, राजर्षिश्च क्रमावश:।।
 
अर्थात : 1. ब्रह्मर्षि, 2. देवर्षि, 3. महर्षि, 4. परमर्षि, 5. काण्डर्षि, 6. श्रुतर्षि और 7. राजर्षि- ये 7 प्रकार के ऋषि होते हैं इसलिए इन्हें सप्तर्षि कहते हैं। आओ अब जानते हैं इनके शाब्दिक अर्थ। 
 
1. ब्रह्मर्षि : जो ब्रह्म (ईश्वर) को जान गया। दधीचि, भारद्वाज, भृगु, वसिष्ठ जैसे ऋषियों को ब्रह्म ऋषि कहा जाता है।
 
2. देवर्षि : देवताओं के ऋषि यो वह देव जो ऋषि है। नारद और कण्व जैसे ऋषियों को देवर्षि कहा जाता है।
 
3. महर्षि : महान ऋषि या संत। अगस्त्य, वाल्मीकि या वेद व्यास जैसे ऋषियों को महर्षि कहा जाता है।
 
4. परमर्षि : सर्वश्रेष्ठ श्रृषि। भेल जैसे ऋषियों को परमर्षि कहा जाता है। 
 
5. काण्डर्षि : वेद की किसी एक शाखा, काण्ड या विद्या की व्याख्या करने वाले। जैमिनि जैसे ऋषियों को काण्ड ऋषि कहा जाता है। 
 
6. श्रुतर्षि : जो ऋषि श्रुति और स्मृति शास्त्र में पारंगत हो। सुश्रुत जैसे ऋषियों को श्रुतर्षि कहा जाता है। 
 
7. राजर्षि : राजा का ऋषि या वह राजा जो ऋषि बन गया। विश्वामित्र, राजा जनक और ऋतुपर्ण जैसे ऋषियों को राजर्षि कहा जाता है।
 
अमर कोष अन्य प्रकार के संतों, संन्यासी, परिव्राजक, तपस्वी, मुनि, ब्रह्मचारी, यती इत्यादि से ऋषियों को अलग करता है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कौन-सी दिशा सबसे अच्छी होती है और क्यों, जानिए