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आज के शुभ मुहूर्त

(होली-धुलेंड़ी पर्व)
  • तिथि- फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-होली/धुलेंड़ी, फाग उत्सव., सूर्य मीन संक्रांति, चैतन्य महाप्रभु ज.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
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सुखी जीवन के तीन सूत्र

- मुनि पुलकसागर

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हमें फॉलो करें सुखी जीवन के तीन सूत्र
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सुखी, स्वाभिमान एवं सम्मान के साथ जीवन जीने के तीन सूत्र हैं- उपयोगिता, भावना एवं कर्तव्य। उपयोगिता संबंधों को प्रगाढ़ करती है, भावना परिवार को मजबूत करती है और कर्तव्य घर, परिवार, समाज में एकता एवं समन्वय स्थापित करते हैं। उक्त प्रेरक विचार मुनि पुलकसागर महाराज ने प्रवचन माला में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि उपयोगिता के बदले उपयोगिता, भावना के बदले भावना चाहिए, लेकिन कर्तव्य के बदले कुछ नहीं चाहिए। कर्तव्य तो निःस्वार्थ भावना से किए जाते हैं। छोटी-सी भूल सदियों की सजा बन जाती है, इसलिए हमें जीवन सही और व्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए। जिन माँ-बाप ने हमें खून दिया उन्हें बुढ़ापे में खून के आँसू बहाने पर मजबूर करना कायरता है। जिन्होंने अपने खून से हमे बड़ा किया उनके लिए खून बहा देना मानवता है, जबकि असहाय जीवों का खून बहा देना हिंसा और अमानवीयता है।

भगवान राम ने कर्तव्य की खातिर सौतेली माँ के वचनों को स्वीकार कर लिया, क्या आप भी इतने कर्तव्यनिष्ठ होकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं? अगर नहीं तो आपका जीवन सार्थक नहीं है। श्रवण कुमार अपने पुत्र होने का कर्तव्य बगैर किसी तर्क के निभाता है। कर्तव्य के पालन में तर्क नहीं समर्पण की जरूरत पड़ती है।

इस अवसर पर मुनिश्री ने सुखी जीवन के कुछ सूत्र दिए -

- गंगा जल पीने से ज्यादा पुण्य बूढ़े माँ-बाप के आँसू पोछने से।

- बहू को नौकरानी समझने की गलती मत करना वो भी किसी की बेटी है, बेटी की तरह रखो वो भी तुम्हारा माँ की तरह खयाल रखेगी।

- माला जपने वाले हाथों से ज्यादा पवित्र वे हाथ होते हैं जो सेवा करते हैं।

- कर्तव्यों के पालन में तर्क की नहीं समर्पण की जरूरत पड़ती है।

- प्रेम भीख में नहीं मिलता है उसे जितना लुटाओगे उतना ही मिलेगा।

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