इंदौर। इंदौर के बाल आश्रम कांड में भोजन विषाक्तता की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि चितावद स्थित इंदौर फिजिकल एकेडमी के गणपति होस्टल, ओमनारायण छात्रावास सहित अन्य के करीब 100 बच्चों की मंगलवार रात तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। यहां के 5 बच्चों को एमवाय में भर्ती कराया गया, फिर अब 44 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
भर्ती बच्चों में जांच के बाद हैजा के लक्षण दिखाई दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी बच्चे एक ही एकेडमी में पढ़ते हैं और इन्हीं के होस्टल में ही रहते हैं। रात में इन सभी बच्चों ने दाल-रोटी और सब्जी खाई थी।
प्रारंभिक जांच में यही सामने आया है कि बच्चों की तबीयत दूषित खानपान से ही बिगड़ी है। हालांकि सभी की हालत खतरे से बाहर है।
डॉक्टरों का कहना है कि दूषित पानी के कारण इन्हें इंफेक्शन हो गया है। यह जब अस्पताल आए थे तो इन्हें उल्टी-दस्त की समस्या बनी हुई थी। प्रशासन की टीम होस्टलों में जांच के लिए पहुंची तो पाया गया कि गंदगी में खाना बन रहा था। साथ ही जिस लाइन से पीने का पानी आता है, उसमें भी नाली का गंदा पानी मिल रहा था। टीम ने खाने व पानी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं।
मिली जानाकारी के अनुसार पालदा से चितावद के बीच जो नाला बहता है, इसके कारण हमेशा यहां दूषित पानी की समस्या बनी रहती है। वर्षाकाल में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। इस कारण इस क्षेत्र में पेट के इंफेक्शन की समस्या लोगों में बनी रहती है।
कई बार रहवासी भूगर्भ जल की जांच करवाने की मांग भी कर चुके हैं। रहवासियों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद जब भी डॉक्टर के पास जाते हैं तो पानी के कारण इंफेक्शन बताया जाता है। इधर अस्पताल में भर्ती बच्चों से मिलने कलेक्टर आशीष सिंह पहुंचे। उन्होंने संबंधितों को जरूरी निर्देश दिए।
Edited by: Ravindra Gupta