इंदौर। इंदौर में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आम मरीज तो ठीक यह अब चिकित्साजगत से जुड़े लोगों के लिए भी खतरा बन गया है। वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी वाजपेयी का निधन हो गया, मंगलवार को आई जांच रिपोर्ट में उनकी मौत डेंगू से होने की पुष्टि हुई है।
आयएमए के अध्यक्ष डॉ संजय लोंढे, सचिव डॉ सुमित शुक्ला ने बताया कि डॉ. ओपी वाजपेयी की मृत्यु भी डेंगू से ही हुई है। रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। आप को वायरल मायोकारडायटिस हो गया था। डॉ. वाजपेयी के निधन से चिकित्साजगत हतप्रभ है।
डॉ. एलएस शर्मा, डॉ. एलएस भटनागर के बाद यह तीसरे चिकित्सक है जिनकी वायरस के कारण मृत्यु हुई। यदि चिकित्सा करने वाले, बचाव के तरीके जानने वाले वायरस से नहीं बच पाए, तो आमजन की तो क्या बिसात है? जिम्मेदार अधिकारी आगे के लिए कुछ योजना बनाते नहीं दिख रहे। अभी भी मीटिंग के अलावा टीमें सड़क पर नहीं दिख रही।
उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मुख्य चिंता कम होता तापमान है, जिसमे स्वाइन फ्लू जैसे वायरस फलते फूलते है। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम प्रशासन अभी भी आगाह हो जाए, अन्यथा 'स्वच्छ इंदौर को अस्वस्थ इंदौर' में बदलने में समय नहीं लगेगा।