इंदौर (मध्य प्रदेश)। इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय के एक लिपिक ने सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों की करीब 3 करोड़ रुपए की राशि का गबन किया और फर्जीवाड़े के जरिए इस रकम को पत्नी, रिश्तेदारों और परिचितों के बैंक खातों में भेज दिया।
एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गबन के मामले के खुलासे के बाद जिलाधिकारी कार्यालय की लेखा शाखा के क्लर्क मिलाप चौहान को 2 दिन पहले निलंबित किया जा चुका है।जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने बताया, चौहान के खिलाफ हमारी विस्तृत जांच जारी है और अब तक उसके द्वारा करीब 3 करोड़ रुपए के गबन का पता चला है।
उन्होंने बताया कि क्लर्क ने अलग-अलग सरकारी मदों में हितग्राहियों को मिलने वाली रकम अपनी पत्नी, रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में फर्जीवाड़े के जरिए पहुंचा दी। इलैयाराजा ने बताया, जांच में पता चला है कि वर्ष 2015 से जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ क्लर्क ने कोविड-19 के भीषण प्रकोप के दौरान भी गबन किया। हम उसके पूरे कार्यकाल की जांच करा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि गबन के मामले में क्लर्क से जुड़े लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद सभी संबंधित लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)