world breastfeeding week: गर्भावस्था और बच्चे का जन्म किसी भी महिला के जीवन की बहुत महत्वपूर्ण कड़ी होती है। कोख में पोषित होते जीवन को दुनिया में लाना और उसे एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन देना माता-पिता दोनों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। इस जिम्मेदारी का अहम हिस्सा है स्तनपान जिसे लेकर आज भी कई भ्रांतियां, असमंजस और अज्ञानता फैली हुई हैं। इसे दूर करना बहुत जरूरी है ताकि शिशु को सही पोषण मिल सके और कई सारी बीमारियों से उसका बचाव भी हो सके।
इसी विचार के साथ ईशान फाउंडेशन, इंदौर ने 9 आंगनवाड़ियों में 'विश्व स्तनपान सप्ताह' का आयोजन किया जिसका समापन 7 अगस्त को हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने हर आंगनवाड़ी में गर्भवती महिलाओं और धात्रियों (स्तनपान कराने वाली महिलाओं) को आवश्यक जानकारी दी, साथ ही एक विशेष सेमिनार का आयोजन भी किया गया।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए ईशान फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. निकिता रावल ने बताया कि हमारा मुख्य लक्ष्य महिलाओं व बच्चों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य व विकास के क्षेत्र में काम करना है। इसके लिए हम समय समय पर स्वास्थ्य संबंधी कार्यशालाएं आयोजित करते हैं।
स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत 9 आंगनवाड़ियों जनसेवा नगर, भीम नगर, बिजलपुर क्रमांक 2, अर्जुन नगर, इंद्रजीत नगर, दत्त नगर, बुद्धदेव नगर, पवनपुत्र नगर व महादेव नगर बस्ती में स्तनपान संबंधी कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इनमें बच्चे को डिलीवरी के तुरंत बाद आने वाला मां का पहला गाढ़ा पीला दूध जरूर पिलाने, कम से कम 6 माह तक स्तनपान कराने, मां को पोषक खुराक खाने, शरीर की सफाई और हाइजीन रखने आदि जैसी कई जानकारियां प्रदान की गईं।
करीब 90 महिलाओं ने इसमें भाग लिया और जाना कि स्तनपान केवल शिशु की भूख ही नहीं मिटाता, यह मां और बच्चे के बीच के बॉन्ड को भी मजबूती देता है। साथ ही स्तनपान कराने से बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होती है और वह सर्दी-जुकाम से लेकर कई गंभीर बीमारियों से भी सुरक्षित रहता है। स्तनपान से मां का शरीर भी स्वस्थ रहता है और स्तन कैंसर जैसी समस्याओं से भी उसका बचाव हो सकता है।
यदि स्तनपान के दौरान बच्चा गहरी सांस लेता है या सांस लेने में तकलीफ महसूस करता है, उसे बहुत अधिक और अचानक पसीना आने लगता है या वह नीला पड़ने लगता है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। साथ ही बच्चे को सही तरीके से स्तनपान कराने और 6 माह के बाद ऊपर के खाने के साथ भी स्तनपान कराते रहने की सलाह दी गई।
सप्ताह के अंतर्गत एकदिवसीय विशेष सेमिनार का आयोजन भी किया गया जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शादाब हुसैन, लैक्टेशन मेंटर (स्तनपान सलाहकार) सारिका गुप्ता व स्त्री रोग विशेषज्ञों ने उपस्थित पेरेंट्स, गर्भवती महिलाओं व उनके परिवारों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।
Edited by: Ravindra Gupta