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इंदौर में पराली जलाने वाले 3 किसानों पर FIR, 770 किसानों पर लगा लाखों जुर्माना, जारी रहेगा अभियान

पराली जलाने में पंजाब- हरियाणा को पीछे छोड़ा मध्यप्रदेश ने

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 (12:34 IST)
इंदौर में प्रदूषण फैलाने वाले किसानों पर प्रशासन लगातार सख्‍ती बरत रहा है। अब जिला प्रशासन ने करीब 770 किसानों पर कार्रवाई कर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया है। जबकि 3 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि इंदौर जिले में खेतों की पराली जलाने वाले 3 किसानों के खिलाफ कलेक्टर के आदेश पर एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही करीब 770 किसानों पर जुर्माना लगाते हुए 16.71 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है।
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पंजाब- हरियाणा को पीछे छोड़ा : बता दें कि पराली जलाने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हालात ये हो गए हैं कि राज्य अब पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ चुका है। इस बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए इंदौर जिला प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाने के साथ खेत मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है। बुधवार को पराली जलाने के मामले में हातोद, जूनी इंदौर और बिचोली हप्सी क्षेत्रों के 3 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

770 किसानों के खिलाफ कार्रवाई: जिला प्रशासन की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अब तक 770 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। जिनसे 16 लाख 72 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है। बुधवार को ही 102 किसानों पर 3 लाख 9 हजार 500 का दंड लगाया गया। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि किसानों को लगातार समझाइश दी जा रही है कि वे खेतों में फसल अवशेष न जलाएं। इससे वातावरण को गंभीर नुकसान होता है।
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कितना लगा जुर्माना : राज्य शासन की अधिसूचना के अनुसार, दो एकड़ तक की जमीन पर पराली जलाने वाले किसानों पर 2500, दो से पांच एकड़ वालों पर 5000 रुपए और पांच एकड़ से अधिक भूमि पर 15,000 रुपए का जुर्माना निर्धारित है। यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों को जागरूक करना है। लेकिन बार-बार समझाने के बाद भी अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो प्रशासन को सख्ती करनी ही होगी।

इन इलाकों में क्‍यों नहीं रुक रही पराली की घटनाएं : बता दें कि इंदौर के आसपास फसलों की कटाई के बाद पराली यानी फसलों का बचा हुआ वेस्‍ट जलाने का काम किसान करते हैं। लेकिन खेतों की सफाई के लिए किसानों के लिए पराली जलाना भी जरूरी है, ऐसे में किसानों के विरोध की वजह से कई जिलों के कलेक्टर पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। जबकि केंद्रीय सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी लगातार इस संबंध में कड़े दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।

पराली जलाने के कहां कितने मामले : दरअसल, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक सेटेलाइट से डाटा कलेक्‍ट किया है। इस डाटा में सामने आया कि होशंगाबाद जिले में सबसे ज्यादा 292 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं हुईं। इसके बाद छिंदवाड़ा, सागर, उज्जैन और सिहोर जैसे जिलों में भी जमकर पराली जलाई गई। इंदौर जिले में भी 186 स्थानों पर कचरा और पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।

पराली से किसे कितना खतरा : प्रदेश में फैलते प्रदूषण के जहर को लेकर डॉक्‍टरों का मानना है कि चाहे वो वायू प्रदूषण हो या किसी तरह का नॉइज पॉल्‍यूशन हर तरह का प्रदूषण इंसानों के लिए खतरनाक है। सांस और फेफड़ों संबंधी रोगों के विशेषज्ञ डॉ रवि दोषी ने वेबदुनिया को बताया कि हवा में फैला किसी भी तरह का प्रदूषण हमारे फैफड़ों के लिए घातक है। कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में इम्‍युनिटी का स्‍तर कम हुआ है। ऐसे में प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों को ज्‍यादा फैला रहा है। पिछले कुछ महीनों में एलर्जी के मरीजों की संख्‍या में हुई बढ़ोतरी इसका सबूत है। डॉक्‍टरों के मुताबिक दिल, फेफड़ और तमाम तरह की सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह प्रदूषण खतरनाक साबित होगा। बता दें कि हाल ही में इंदौर में दिल के दौरों से कई लोगों की मौत की घटनाएं सामने आई हैं।
Edited By: Navin Rangiyal

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