इंदौर। इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के पुस्तकालय में लेखिका डॉ. फरहत खान की विवादित पुस्तक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति रखे जाने को लेकर दर्ज मामले में प्राचार्य और एक प्राध्यापक को अग्रिम जमानत देने से जिला अदालत ने मंगलवार को इनकार कर दिया। अभियोजन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने बताया कि सत्र न्यायाधीश आरके गोयल ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मामले के 4 आरोपियों में शामिल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान और प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत में बहस के दौरान अभियोजन ने याचिका के खिलाफ कहा कि खान की विवादित पुस्तक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति को महाविद्यालय के पुस्तकालय में रखवा कर दोनों आरोपियों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने संबंधी कार्य किया है।
उधर, प्राचार्य और प्राध्यापक के वकील अभिनव धनोतकर ने दलील दी कि इस किताब की खरीद और इसे पुस्तकालय में रखवाने से उनके दोनों पक्षकारों का कोई लेना-देना नहीं है।
खान की विवादित पुस्तक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति को लेकर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका, प्राचार्य और एक प्राध्यापक के साथ ही इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के खिलाफ तीन दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस बीच, एबीवीपी की ओर से डॉ. फरहत खान की अन्य पुस्तक महिलाएं एवं आपराधिक विधि की विषय-वस्तु पर भी आपत्ति जताई गई है। चश्मदीदों ने बताया कि एबीवीपी नेता आदिवाल ने राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश पर मामले की जांच के लिए महाविद्यालय पहुंची एक समिति को खान की इस पुस्तक की 6 दिसंबर देर शाम सौंपी, जब समिति के सदस्य अपना काम निपटाकर संस्थान के परिसर से रवाना हो रहे थे।
एबीवीपी नेता ने संवाददाताओं से कहा कि इलाहाबाद के एक प्रकाशक द्वारा छापी गई यह किताब इंदौर के इस महाविद्यालय ने वर्ष 2018-19 में खरीदी थी जिसे उन्होंने संस्थान के पुस्तकालय से अपने नाम पर जारी कराया है।
आदिवाल ने आरोप लगाया कि खान की किताब में महाभारत के किरदार द्रौपदी के बहुविवाह, देवदासी प्रथा और धार्मिक आस्था से जुड़े अलग-अलग विषयों को लेकर हिन्दू समुदाय की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं।
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि मामले में गठित सात सदस्यीय जांच समिति ने शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में कुछ शिक्षकों द्वारा धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दिए जाने के एबीवीपी के आरोपों और खान की विवादित पुस्तक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति को लेकर मंगलवार को दिन भर करीब 250 विद्यार्थियों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों के मुताबिक ये बयान पहले से तैयार प्रश्नावली के आधार पर दर्ज किए गए।
समिति में शामिल उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. मथुरा प्रसाद ने बताया कि बुधवार शाम तक प्रदेश सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। भाषा Edited by Sudhir Sharma