इंदौर। शहर में आज से शुरु हुए 'इंदौर साहित्य महोत्सव' के तृतीय सत्र में 'पाठक क्यों छिटक रहा पुस्तकों से' विषय का आरंभ हुआ और उसी सत्र में साहित्यकारों का रचना पाठ भी शामिल कर लिया गया।
महोत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी ने खूबसूरत गुजराती कविता से दर्शकों की भरपूर प्रशंसा बटोरी। उनसे पूर्व चित्रा मुद्गल ने रचना पाठ किया। गीताश्री ने अपने उपन्यास 'हसीनाबाद' के प्रमुख अंश सुनाए।
लेखिका निर्मला भुराड़िया ने अपनी चर्चित कविता 'सामंतों की बीवियां नहीं करती हैं घूमर, वे करती हैं घूंघट' का वाचन किया। उनकी यह रचना पद्मावती विवाद पर लिखी गई है। इसी दौरान लीलाधर जगूड़ी ने 'पैर के जूते' कविता सुनाकर साहित्य महोत्सव की गरिमा में वृद्धि की।