इंदौर। इंदौर में नगर निगम का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है। इसमें निगमकर्मी कड़कड़ाती ठंड में सड़क किनारे भिखारियों को बेदर्दी से जानवरों की तरह गाड़ी में ठूंसते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इनमें से कुछ बुजुर्ग तो अधिक उम्र के चलते अपने बूते चलने-फिरने से भी लाचार हैं और वे हताश होकर सड़क के किनारे बैठे नजर आते हैं। इनमें कुछ दिव्यांग भी शामिल हैं।
बेसहारा लोगों के सामान की पोटलियां सड़क किनारे यहां-वहां बिखरी नजर आती हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बेसहारा बुजुर्गों को लेकर नगर निगम कर्मचारियों के असंवेदनशील रवैये की तीखी आलोचना की है।
निगम कर्मियों के इस तरह व्यवहार पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों की निर्लज्जता सामने आई है।
कांग्रेस ने दावा किया कि बुजुर्गों को निगम की गाड़ी में बैठाकर शिप्रा पर छोड़ा जा रहा था। कांग्रेस ने इस वीडियो को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि क्या यही उनका सुशासन है।
वीडियो के वायरल होने के बाद इंदौर निगम के अधिकारियों की सफाई भी सामने आई है। नगर निगम के अपर आयुक्त रेन बसेरा अभय रंजनगांवकर ने कहा कि इन दिनों ठंड ज्यादा पड़ रही है और रात के समय कई लोग बायपास शास्त्री ब्रिज और अन्य स्थानों पर खुले में सो जाते हैं। रात के समय नगर निगम कर्मचारियों ने इन्हें गाड़ियों में ले जाकर रेन बसेरा पहुंचाया था। यह वीडियो उसी समय का है।
उन्होंने कहा कि गरीबों को गाड़ी में भरकर शिप्रा ले जाने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। नगर निगम ने वायरल वीडियो के मामले में नगर निगम के रैन बसेरा में कार्यरत बृजेश लश्करी और विश्वास बाजपेयी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
शिवराज का बड़ा एक्शन : इंदौर में आज नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा बुजुर्गों के साथ किए अमानवीय व्यवहार का मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
प्रताप सोलंकी को भोपाल में नगरीय विकास संचालनालय अटैच किया गया है। शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश देते हुए कहा कि बुजुर्गों के प्रति अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सिंह चौहान कलेक्टर इंदौर को निर्देश दिए कि बुजुर्गों की समुचित देखभाल की जाए।