जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर श्री राम सेंटिनल स्कूल के छात्रों व शिक्षकों के साथ वन महोत्सव मनाया गया।
सेंटर की निदेशिका डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने हर किसी का सेंटर पर विकसित की गई स्वदेशी व विलुप्त हो रहे पेड़ो के पौधे भेंट कर स्वागत किया।
इनमें रत्नज्योत, शहतूत, सागवान, मेहंदी (हीना) जैसी विलुप्त प्रजातियां शामिल थीं। शहर के घरों के लिए गमलों में उगाई जाने वाली मौसमी सब्जियां लौकी, गिलकी, करेले के सीडबॉल भी भेंट किए गए।
उन्होंने यह भी प्रशिक्षण दिया कि कैसे नीम, करणज, बेशर्म, धतूरा और आंकड़ा के पौधारोपण से पहले जैविक तरीके से कुछ प्राकृतिक खाद और गोमूत्र डालकर पेड़ लगाए जाने चाहिए।
वन महोत्सव के महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दो महीने हर एक दिन वनमहोत्सव मनाने का संकल्प लेना चाहिए। क्योंकि अब पानी और ऑक्सीज़न में कमी आती जा रही हैं। हमें पेड़ों की आवश्यकता है। उन्होंने पेड़ो की कटाई रोकने व घरेलू प्रदूषण से महिलाओं को बचाने के लिए सोलर कुकर के उपयोग के बारे में बताया।
श्री राजेंद्र चौहान व श्रीमती नन्दा चौहान ने उन्हें सेंटर का भ्रमण करवाया और सेंटर पर लगे पेड़-पौधों व खेत में लगी ऑर्गेनिक फसल दिखाई। छात्र उन दुर्लभ पौधों के लिए बहुत उत्साहित थे और कहा कि उन्होंने यह न तो किताबों में देखा है और न ही जीवन में। उन्होंने अपने स्कूल व अपनी कॉलोनियों में वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया और राखी पर अपने पैतृक गांव जाकर पेड़ लगाने का निर्णय किया।