जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए सस्टेनेबल इंटर्नशिप सेमिनार
, गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 (16:50 IST)
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्रों व शिक्षको के लिए विकसित भारत के लिए ससटेनेबल इंटर्नशिप के महत्व पर संगोष्टी हुई। सबसे पहले स्कूल के निर्देशक प्रो. आहूजा ने सभी वक्तागण एवं पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मगिलिगन, डॉ. समीर शर्मा, श्रीमती बबीता रहेजा, सिद्धार्थ लोधी और तुहिना झा को गुलाब के फूल से स्वागत किया।
जनक पलटा मगिलिगन ने अपनी बात शुरू की- हमारी प्रशिक्षित महिलाएं 1000 सोलर कुकर ले गई। उन्होंने अपने स्वयं को, परिवार और समुदाय का अपना जीवन, स्वास्थ्य, आमदनी आगे से बेहतर हो गई जंगल बचने लगे। सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए सस्टेनेबल जीवन शैली जरूरी है। उन्होंने बताया कि हमारी भूलों के चलते प्रकृति पर सबसे भारी जलवायु संकट है इसे तभी खत्म कर सकते हैं जब हमारे इंटर्न तय करेंगे कि हमारे सभी काम सस्टेनेबल होंगे।
उन्होंने अपने जमीनी अनुभवों को साझा करते हुए कहा और उन्होने अपने पति स्वर्गीय जिम्मी मगिलिगन दोनों ने बहाई पायनियर के रूप मे सेवा देने वाले इंदोर को अपनी कर्म भूमि बनाया और उन्होंने मिलकर, अपना जीवन आदिवासी समुदायों, सामाजिक, आर्थिक विकास को समर्पित रहा। डॉ. जनक ने ग्रामीण आदिवासी समुदायों में अपने काम, अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य यात्रा और नो. वेस्ट वेडिंग संस्कृति को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों सहित सतत विकास के लिए अपनी आजीवन प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी को वैश्विक रूप से सोचने, स्थानीय रूप से कार्य करने और खुद से शुरुआत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
बरली संस्थान में पर्यावरण तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जीवनभर अग्रणी होकर अभिनव प्रयोग कर संस्थान का नाम विश्व स्तर पर जाना जाता है, पिछले 40 साल से 321 इंटर्न किसी न किसी रूप में सस्टेनेबल डेवलपमेंट ही कर रहे है। उनके पति ने सनावदिया में अपने स्वयं के प्रयास तथा दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ 2011 में सोलर व विंड पावर स्टेशन बनाया। वह उनके निधन के बाद भी आज तक सनावदिया को रोशन कर रहा है।
उन्होंने गिरिदर्शन को सस्टेनेबल डेवलपमेंट का, एक जीवित उदाहरण बनाया। जिम्मी के जाने के बाद आज तक उनके सभी काम अपने पति को समर्पित किए और जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट उनका सेवाधाम है। भविष्य के लिए इस सस्टेनेबल डेवलपमेंट की मशाल को जिम्मी, एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ने जलता रखने की ज़िम्मेवारी ली है।
समीर शर्मा ने अपने निःशुल्क मेंटरशिप कार्यक्रम पर चर्चा की और स्वाहा नामक, एक पहल की शुरुआत की, जो जनक दीदी के मार्गदर्शन में शून्य अपशिष्ट प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
सामाजिक उद्यमी वरुण रहेजा की मां सुश्री बबीता रहेजा ने बताया कि उनके बेटे वरुण रहेजा ने जनक दीदी के साथ इंटर्नशिप कर रहेजा सोलर फ़ूड कम्पनी बनाई जो सौर खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार के माध्यम से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने का प्रयास करने वाला एक उद्यम है।
स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के दो छात्रों सिद्धार्थ लोधी और तुहिना झा ने डॉ. जनक पलटा मगिलिगन के मार्गदर्शन में ससटेनेबल इंटर्नशिप करते हुए अपनी केस स्टडी प्रस्तुत की। सिद्धार्थ ने सौर ड्रायर की क्षमता से बड़े आर्थिक और सामाजिक लाभ की जानकारी दी, जबकि तुहिना ने स्थिरता, संचालित प्रयासों के हिस्से के रूप में भूमि पुनर्जनन पर, एक केस स्टडी प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम ने, एक शक्तिशाली संदेश को रेखांकित किया, हाथ मिलाकर एक नवाचार को अपनाकर और समुदायों की सामूहिक बुद्धि को महत्व देकर सतत विकास हासिल किया जा सकता है। आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में विकसित भारत के लिए सस्टेनेबल इंटर्नशिप पर पहली बार इतना महत्वपूर्ण दिग्दर्शन मिला। प्रो. आहूजा ने सभी को बहुत आभार दिया और विश्वास दिलाया कि अब ससटेनेबल इंटर्नशिप को प्राथमिकता से संचालित कर विकसित भारत में योगदान देंगे।
रिपोर्ट : स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कु. सौम्य द्वारा भेजी गई।
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