इंदौर। इंदौर में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान धार्मिक नारेबाजी को लेकर हुई बहस के बाद एक युवती को बदसलूकी के साथ मंच से उतारे जाने के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया। मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की एक स्थानीय विधायक ने इस घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि देश में 'तालिबानी संस्कृति' नहीं चलेगी।
इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर फैल रहा है जिसमें राजबाड़ा क्षेत्र में आयोजित एक स्वतंत्रता दिवस समारोह के मंच पर युवती 'भारत माता की जय' और 'जय-जय श्री राम' के नारे लगाती सुनाई पड़ रही है।
वीडियो के अगले दृश्य में श्रोताओं के बीच से युवा 'या हुसैन' का नारा बुलंद करते सुनाई पड़ते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग धार्मिक नारेबाजी के बाद युवती से बहस करते हैं और एक पुलिसकर्मी के बीच-बचाव के बाद युवती को मंच से उतार दिया जाता है।
भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ ने कहा कि मैंने आज यह वीडियो देखा है। युवती को मंच से उतारे जाने की घटना शर्मनाक है और हम उसके साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में 'तालिबानी संस्कृति' नहीं चलेगी और युवती को मंच से उतारने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
गौड़ ने कहा कि भारत में रह रहे लोगों को भारत माता की जय और वंदे मातरम बोलना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने वाले लोगों को यहां से बाहर निकाला जाए। सर्राफा पुलिस थाने के प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान खुद युवती ने भाषण की इच्छा जताई थी, लेकिन उसके भाषण के कुछ विवादास्पद अंशों का श्रोताओं ने विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि युवती केवल कुछ मिनट तक मंच पर रही और हंगामे के तुरंत बाद चली गई। मंच के संचालकों ने जल्द ही मामला संभाल लिया। थाना प्रभारी ने हालांकि बताया कि राजबाड़ा क्षेत्र में प्रशासन की अनुमति के बगैर स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने पर बिलाल खान और अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।(भाषा)