भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इंदौर के एक महाविद्यालय में हुई रैंगिंग के मामले में उच्च शिक्षा विभाग और पुलिस उपमहानिरीक्षक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
सोमवार को जारी विज्ञप्ति में आयोग ने पुलिस उपमहानिरीक्षक इंदौर से कहा है कि वे पुलिस विवेचना में रही कमियों को दूर करने के लिए न्यायालय की अनुमति से आगे की विवेचना कर पूरक चालान पेश करे। रैगिंग संबंधी बिंदुओं की जांच करें।
आवेदक छात्र की 7 सितंबर 16 को शर्ट उतरवाई गई थी। जिसे 8 सितंबर 16 की घटना से जोड़कर देखा जाना चाहिए था। उसकी नाक, मुंह से खून आने, थाने में सूचना देने और प्राचार्य से शिकायत का उल्लेख एफआईआर और कथन में नहीं किया गया जिसका उपयोग विवेचना में किया जाना चाहिए था।
इसी तरह आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग से जानना चाहा है कि पीड़ित छात्र शिवम को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत 50 हजार की क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने की अनुशंसा क्यों न की जाय। आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग से यह भी कहा है कि वह कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नियमों के मुताबिक और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिनियम के अनुसार कार्यवाही कर आयोग को अवगत कराएं। (वार्ता)