Cyber fraud of 71 lakhs in Indore: इंदौर में परमाणु ऊर्जा विभाग के एक प्रमुख संस्थान के कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट करने के नाम पर 71 लाख रुपए से ज्यादा का चूना लगाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया। डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया तरीका है। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
इस तरह दिया झांसा : उन्होंने बताया कि ठग गिरोह के सदस्य ने आरआर-कैट कर्मचारी को झांसा दिया कि उसके नाम से दिल्ली से जारी सिम कार्ड के जरिए लोगों को गैरकानूनी विज्ञापन और महिला उत्पीड़न संबंधी टेक्स्ट मैसेज भेजे जा रहे हैं और उसके खिलाफ धन शोधन और मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी हो चुका है।
पत्नी से वीडियो कॉल के जरिए फर्जी पूछताछ : दंडोतिया ने बताया कि ठग गिरोह के अन्य सदस्य ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर आरआर-कैट कर्मचारी और उसकी पत्नी से वीडियो कॉल के जरिए फर्जी पूछताछ की। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इस पूछताछ के दौरान आरआर-कैट कर्मचारी को इतना धमकाया गया कि उसने डर के मारे अपनी जमा पूंजी के कुल 71.33 लाख रुपए ठग गिरोह के बताए अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए।
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उन्होंने बताया कि ठग गिरोह के सदस्यों ने आरआर-कैट कर्मचारी को झांसा दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस धन राशि की जांच की जाएगी और सब कुछ सही पाए जाने पर यह रकम उसके खाते में एक घंटे के भीतर वापस आ जाएगी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ठगी का अहसास होने पर आरआर-कैट कर्मचारी ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala