नईदुनिया द्वारा पॉलिथीन मुक्त शहर बनाने की मुहिम 'गो ग्रीन, नो पॉलिथीन' को जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। इसके लिए हर रोज शहर के विभिन्ना स्थानों पर स्टॉल लगाकर कागज की थैलियाँ वितरित की जा रही है। साथ ही कुछ प्रमुख बाजारों और दुकानों पर भी थैलियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। अभियान से जुड़कर लोग दूसरों को भी प्रेरणा दे रहे हैं कि कागज और कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करें और पॉलिथीन का बहिष्कार करें।
खजराना मंदिर क्षेत्र, बंगाली चौराहा स्थित फूड जंक्शन और तिलकनगर के जैन मंदिर क्षेत्र में कैनोपी लगाई जाएगी। यहाँ कागज की थैलियों के वितरण के साथ ही पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने की प्रेरणा भी दी जाएगी।
नियमितता जरूरी
सिंधी कॉलोनी पर लगाई गई कैनोपी से कागज की थैली प्राप्त करने वाले माधव उपाध्याय ने 'गो ग्रीन, नो पॉलिथीन' अभियान को लेकर कहा कि इस तरह के प्रयास सराहनीय है, लेकिन इन्हें नियमित रखने की जरूरत है। लम्बे समय तक इन्हें जारी रखने पर ही लोगों की आदत में बदलाव लाया जा सकता है।
सामूहिक प्रयासों से होंगे बदलाव
सविता शर्मा ने कहा कि समाज में कोई भी बदलाव लाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत होती है। नईदुनिया ने इस मुहिम की शुरूआत की है अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जुड़कर कोशिश करना चाहिए। कोई भी अकेला इंसान बदलाव नहीं ला सकता। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत होती है।