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कब्र खोदकर निकालते हैं लाश और पिलाते हैं सिगरेट, टोराजा जनजाति की अनोखी परंपराएं जान कर कांप जाएगी आपकी रूह

हमें फॉलो करें कब्र खोदकर निकालते हैं लाश और पिलाते हैं सिगरेट, टोराजा जनजाति की अनोखी परंपराएं जान कर कांप जाएगी आपकी रूह

WD Feature Desk

, मंगलवार, 10 दिसंबर 2024 (14:02 IST)
Ma'nene Tradition

Strange Funeral Rituals: दुनिया के हर कोने में मृत्यु से जुड़े अलग-अलग रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं, लेकिन इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर रहने वाली टोराजा जनजाति (Toraja Tribe) की रस्में वाकई चौंकाने वाली हैं। इस जनजाति की एक परंपरा में परिवार के सदस्य अपने मृतकों को कब्र से बाहर निकालकर नए कपड़े पहनाते हैं, उन्हें साफ करते हैं और कभी-कभी उनके हाथों में सिगरेट भी थमाते हैं।

टोराजा जनजाति की 'मानेने' परंपरा क्या है?
'मानेने' (Ma'nene Ritual) नाम की यह परंपरा टोराजा समुदाय में पूर्वजों के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। यह रस्म हर कुछ सालों में आयोजित की जाती है। समुदाय के लोग कब्रों को खोलकर मृतकों के कंकाल निकालते हैं।

कंकालों को साफ करके उन्हें नए कपड़े पहनाए जाते हैं। इसके बाद, इन कंकालों के साथ बातचीत की जाती है, उन्हें सिगरेट पिलाई जाती है और भोजन भी अर्पित किया जाता है। टोराजा समुदाय का मानना है कि ऐसा करने से मृतकों की आत्माएं खुश रहती हैं और परिवार की रक्षा करती हैं।

मृतकों के साथ जीवन का जश्न
टोराजा जनजाति के लिए मृत्यु, जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक और अध्याय है। वे मानते हैं कि अंतिम संस्कार का अनुष्ठान पूरा होने तक मृतक की आत्मा इस दुनिया में ही रहती है। इस रस्म के दौरान समुदाय के लोग एक साथ आते हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं।

अनोखी बलि और उत्सव
इस रस्म के साथ भव्य उत्सव का आयोजन होता है। भैंसों और सूअरों की बलि दी जाती है। बलि का मांस मेहमानों को परोसा जाता है। नाच-गाने के साथ यह त्योहार खुशी से मनाया जाता है। अमीर परिवार बलि के लिए ज्यादा जानवरों का प्रबंध करते हैं, जिसमें कभी-कभी 100 सूअर और 10 भैंसें तक शामिल होती हैं।

पेड़ों में दफनाए जाते हैं छोटे बच्चे
टोराजा समुदाय के दफनाने के तरीकों में भी अनोखापन देखने को मिलता है। छोटे बच्चों को खोखले पेड़ों में दफनाया जाता है। उनका मानना है कि ऐसा करने से बच्चे की आत्मा प्रकृति में समाहित हो जाती है।
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इस परंपरा से सीखने योग्य बातें
मृतकों के प्रति टोराजा समुदाय का यह आदर और प्रेम दुनिया को सिखाता है कि मृत्यु के बाद भी अपनों के प्रति सम्मान और जुड़ाव बनाए रखना महत्वपूर्ण है।


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 


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