Budget expectation 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में पेश होने वाले अंतरिम बजट में आम लोगों को बड़ी राहत दे सकती है। मीडिया खबरों के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कवर को 5 लाख से बढ़ाकर 7.5 लाख किया जा सकता है।
2018 से जारी इस योजना के अंतर्गत सरकार प्रति परिवार 5 लाख तक का बीमा देती है। कहा जा रहा है कि सरकार को योजना में 50 फीसदी राशि की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। अगर सरकार सुझावों को मान लेती है तो बीमा कवर बढ़कर 7.5 लाख रुपए हो सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के रिकार्ड के अनुसार इस योजना के तहत 7.87 करोड़ लाभार्थी परिवार पंजीकृत हैं जो लक्षित 10.74 करोड़ परिवार का 73 प्रतिशत है।
कैसे किया गया लाभार्थियों का चयन? गरीबों के लिए मेडिक्लेम मानी जाने वाली इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों का चयन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है। देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को इस योजना का लाभ मिल रहा है। आधार नंबर से परिवारों की सूची तैयार की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी।
सभी खर्च योजना में कवर : किसी भी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने पर इस पर होने वाले सभी खर्च योजना के तहत कवर किए जाते हैं। इसमें पुरानी बीमारियों को भी कवर किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई है।
कैसे मिलता है योजना का लाभ : मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे। इसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिए हो सकेगा। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेगा। योजना के तहत जिन निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है उनके नाम आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल पर दिए गए हैं। इससे सरकारी अस्पतालों में अब भीड़ कम होगी। सरकार इस योजना के तहत देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोलेगी जोकि आवश्यक दवाएं और जांच सेवाएं निःशुल्क मुहैया कराएंगे।
पैकेज रेट के आधार पर भुगतान : इलाज पर अस्पताल मनमाने तरीके से वसूली न कर सकें और लागत नियंत्रण रखा जा सके इसके लिए इलाज संबंधी पैकेज रेट तय किए गए हैं। आयुष्मान भारत योजना के रेट में इलाज संबंधी सभी तरह के (दवाई, जांच, ट्रांसपोर्ट, इलाज पूर्व, इलाज पश्चात के खर्चे) व्यय शामिल होंगे।