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चीन को नहीं रोका जा सकता-मनमोहन

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हमें फॉलो करें प्रधानमंत्री डॉ मनमोहनसिंह
सोल , शनिवार, 24 मार्च 2012 (23:27 IST)
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चीन जैसे बड़े और गतिशील देशों को रोके नहीं जा सकने की बात करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि भारत का लक्ष्य वॉशिंगटन और बीजिंग के साथ सहयोगात्मक संबंध बनाना है।

सिंह ने यहां अपनी यात्रा से पहले दक्षिण कोरियाई दैनिक ‘जूंग आंग इलबो’ से बातचीत में कहा कि हमारा लक्ष्य चीन और अमेरिका दोनों के साथ सहयोगात्मक संबंध बनाना है। मैं नहीं मानता कि चीन जैसे बड़े और गतिशील देशों को रोका जा सकता है। सिंह उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अमेरिका चीन पर अंकुश लगा रहा है और क्या उन्होंने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया जब उन्हें चीन और अमेरिका में से किसी एक को चुनना पड़ा।

सिंह ने कहा कि चीन हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी देश है, जिसके साथ हमारी लंबी सीमा है। वह सामान के मामले में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। अमेरिका के साथ हमारे संबंध में 2005 में पूरी तरह बदलाव आया। भारतीय मूल के 30 लाख लोग अमेरिका में रहते हैं और काम करते हैं। सिंह सोल की यात्रा पर हैं। वहां वह परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ समेत 58 नेता हिस्सा लेंगे।

सिंह ने कहा कि दोनों देशों ने जुलाई 2005 में भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु समझौते की रूपरेखा तैयार की थी। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बक के साथ मुलाकात के बारे में सिंह ने कहा कि वह व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को ‘गहराई और व्यापक अर्थ’ देने, जनता के स्तर पर संपर्क को मजबूत बनाने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने, सुरक्षा और वैश्विक घटनाओं के संबंध में सोच का समन्वय के बारे में बातचीत करेंगे।

उन्होंने कहा कि चूंकि यह ऐसा अवसर है, जो परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाता है इसलिए हम इस दुनिया में जिसमें हम रहते हैं उसमें परमाणु सुरक्षा और संरक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए एकसाथ काम कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ली से चर्चा करेंगे मनमोहन : सिंह चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां के वायुसेना हवाई अड्डे पर पहुंचे। वे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बक के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत उपविदेश मंत्री किम सुंग हान और दक्षिण कोरिया में भारत के राजदूत विष्णु प्रकाश ने किया।

सिंह चार दिवसीय अपने दक्षिण कोरिया दौरे की शुरुआत रविवार को राष्ट्रीय समारोह में मेमोरियल टॉवर पर पुष्पांजलि के साथ करेंगे और फिर वे राष्ट्रपति ली से वार्ता करेंगे। दोनों के बीच वार्ता के बाद भारत और दक्षिण कोरिया के बीच वीजा जारी करने की प्रक्रिया सरल बनाने पर हस्ताक्षर होगा।

शिखर सम्मेलन से इतर सिंह इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी से मुलाकात करेंगे, जो ओड़िशा में इटली के दो नागरिकों के अपहरण और इटली के दो नौसैनिकों द्वारा केरल तट पर भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले पर भी चर्चा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नार्वे के अपने समकक्ष जेन्स स्टोल्टेनबर्ग से भी मुलाकात करेंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भी शिखर सम्मेलन में आएंगे और प्राप्त खबरों के मुताबिक वे सिंह से मुलाकात करेंगे। बहरहाल सूत्रों ने कहा कि सिंह और गिलानी के बीच बैठक का कार्यक्रम फिलहाल तय नहीं है। (भाषा)

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