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फिर सामने आया हिजबुल कमांडर मस्त गुल

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इस्लामाबाद , गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014 (18:28 IST)
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इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में 1995 में चरार-ए-शरीफ दरगाह पर कब्जा करने की घटना में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन का स्वयंभू कमांडर मस्त गुल पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में सक्रिय है। पाकिस्तानी तालिबान के एक आतंकी ने दावा किया है कि पेशावर में शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमलों को मस्त गुल ने अंजाम दिया था।

पेशावर इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के स्वयंभू कमांडर मुफ्ती हसन स्वाती ने कहा कि बीते मंगलवार को पेशावर के एक होटल में आत्मघाती विस्फोट और शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किए गए दूसरे हमलों को अंजाम देने की जिम्मेदारी मस्त गुल उर्फ हारून खान को दी गई थी।

समाचार पत्र ‘डान’ के अनुसार स्वाती ने मस्त गुल को ‘पेशावर में सक्रिय आतंकी कमांडर’ करार दिया। उसने बुधवार को उत्तरी वजीरिस्तान के मीरानशाह इलाके में संवाददाताओं से बातचीत की। इस मौके पर उसके साथ मस्त गुल भी मौजूद था।

पाकिस्तानी अखबार ‘डान’ ने स्वाती और मस्त गुल की साथ में एक तस्वीर भी प्रकाशित की है। इस तस्वीर में दोनों तालिबान के एक बैनर के सामने अपने हाथों में एके-47 रायफल लेकर बैठे हैं।

बीते एक दशक में यह पहला मौका है, जब 47 साल का मस्त गुल सार्वजनिक तौर पर दिखा है। अगस्त 2003 में पेशावर में एक हमले में घायल होने के बाद से मस्त गुल के ठिकाने के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी। उसका ताल्लुक खुर्रम कबायली इलाके के सड्डा से है।

मस्त गुल के नेतृत्व में आतंकवादियों ने मार्च 1995 में चरार-ए-शरीफ के भीतर कई लोगों को बंधक बना लिया था। बंधकों में कई विदेशी शामिल थे। कार्रवाई के दौरान चरार-ए-शरीफ के भीतर आग लग गई थी।

भारतीय सेना ने कहा था कि आतंकवादियों की ओर से किए गए विस्फोट के कारण अंदर आग लगी थी। चरार-ए-शरीफ की घटना में 20 आतंकवादी, 2 सैनिक और 5 नागरिक मारे गए थे। मस्त गुल और कुछ दूसरे आतंकी भागने में सफल रहे थे। (भाषा)

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