आतंकवाद विरोधी मामले के अमेरिकी विशेषज्ञ ब्रूस रेडल ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद का मंसूबा भारत को तबाह करने और मुगल सल्तनत स्थापित करने का है।
सीआई के पूर्व अधिकारी रेडल ने कहा कि पाकिस्तान में सईद के एक जाना-पहचाना नाम है। उसे सेना और वकील भी पसंद करते हैं। उसका मंसूबा मुगल सल्तनत को वापस लाना और भारत की तबाही है। ‘द डेली ब्रेस्ट’ में लिखे एक लेख में रेडल ने कहा कि सईद पर एक करोड़ डॉलर के इनाम के एलान से सईद और पाकिस्तान का रिश्ता भी प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि सईद अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने तक उसके साथ संपर्क में रहा। बीते साल मई में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में ओसामा मारा गया था। वह पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में छिपा हुआ था।
सईद ने दावा किया कि जमात-उद-दावा एवं उसके सदस्यों का 2008 में हुए मुंबई हमले से कोई लेना-देना नहीं है और इस मामले में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उसने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि आतंकवाद में वह शामिल है।
पाकिस्तानी मूल के इस आतंकवादी ने कहा कि जमात एक नेक संगठन है, जो पूरे पाकिस्तान में काम कर रहा है। इस पर कोई पाबंदी नहीं है। उसने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका पाकिस्तानी अदालतों को स्वीकार नहीं करता। वह पाकिस्तान को भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। अमेरिका अब भारत के सामने झुक गया है और उसकी जुबान भी बोल रहा है। (भाषा)