Refresh

This website m-hindi.webdunia.com/international-hindi-news/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B6-114063000078_1.htm is currently offline. Cloudflare's Always Online™ shows a snapshot of this web page from the Internet Archive's Wayback Machine. To check for the live version, click Refresh.

Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत-चीन सांस्कृतिक संपर्कों पर पहला विश्वकोश

Advertiesment
हमें फॉलो करें भारत
बीजिंग , सोमवार, 30 जून 2014 (17:18 IST)
FILE
बीजिंग। भारत और चीन ने अपने प्राचीन सांस्कृतिक संपर्कों पर आधारित पहला विश्वकोश सोमवार को जारी किया जिसमें चीनी विद्वान ह्वेन सांग की 7वीं सदी की भारत यात्रा से शुरुआत करके 2,000 वर्षों से अधिक के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और उनके चीनी समकक्ष ली युआनचाओ द्विपक्षीय बैठक के दौरान इस विश्वकोश के 2 संस्करणों को जारी किया। इस विश्वकोश को दोनों देशों के विद्वानों ने तैयार किया है।

अंसारी का 5 दिवसीय दौरा सोमवार को संपन्न हो गया। साल 2010 में चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री वेन च्याबो के भारत दौरे के समय सांस्कृतिक संपर्कों पर विश्वकोश का विचार आया था। इस विश्वकोश में व्यापार एवं राजनयिक संबंधों पर भी रोशनी डाली गई है।

इस पुस्तक की शुरुआत भारत-चीन की सदियों पुरानी सभ्यताओं के संपर्क से होती है। इसकी शुरुआत चीनी विद्वान ह्वेन सांग की यात्रा से हुई है। सांग 7वीं सदी में भारत से बौद्ध धर्मग्रंथों को लेने पहुंचे थे।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत-चीन संबंधों में काफी विस्तार हुआ है तथा खासकर बीते एक दशक में इसमें काफी इजाफा हुआ है। भारत और चीन अपने लोगों के बीच संपर्क तथा दूसरे कई मुद्दों पर सहयोग को काफी महत्व देते हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi