न्यूयॉर्क। एक नए अध्ययन के अनुसार एक खतरनाक प्रवृति के तहत भारत में किशोरवस्था में शराब का सेवन शुरू कर देते हैं उनकी सुख्या पिछले कुछ दशकों में तीन गुना ज्यादा बढ़ गई है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस प्रवृति को ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब घरों में रहने वाले लागों में ज्यादा पाया गया है। शोधकर्ताओं ने उत्तरी गोआ में 20 से 49 वर्ष के बीच के आयु वाले चुने गए 2000 पुरुषों से प्रश्न किया कि उन्होंने कितने वर्ष की आयु में पहली बार शराब पीना शुरू किया था और उन्होंने कितनी मात्रा में पिया था। उन्होंने पूछा कि शराब पीने के परिणामस्वरूप क्या उन्हें किसी बीमारी का सामना करना पड़ा।
इस तरह के प्रश्न पूछकर मनोवैज्ञानिक तनाव के स्तर का भी पता लगाया गया। कोलंबिया विश्वविघालय, मेलमैन स्कूल ऑफ पबिलक हेल्थ के अरविंद पिल्लई और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि 1956 और 1960 के बीच जन्म लेने वाले 20 प्रतिशत किशोर शराब का सेवन करते थे जबकि यह प्रतिशत 1981-85 तक 74 हो गया जो कि तीन गुना से भी ज्यादा है। (भाषा)