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रेगिस्तानी पौधे से कैंसर का इलाज!

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इस्लामाबाद , बुधवार, 22 अगस्त 2012 (23:55 IST)
भारत और पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाने वाले पौधे वरजिन्स मंटल की चाय स्तन कैंसर में बेहद कारगर साबित हो रही है और इसका स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ता।

डेली मेल की खबर के अनुसार पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं स्तन कैंसर में इस पौधे के रस से बनी चाय को दवा के रूप में ले रही हैं। इंग्लैंड के एस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने परीक्षण में पाया कि इस पौधे के रस में कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने की अद्भुत क्षमता है।

शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के दौरान पाया कि फागोनिया क्रेटिका वानस्पतिक नाम के इस पौधे के रस के उपयोग के पांच घंटे के भीतर कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और 24 घंटे के अंदर वे नष्ट हो जाती हैं।

दवाओं के उलट इसके रस से स्तन की स्वस्थ कोशिकाएं नष्ट नहीं होतीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस पौधे के इस्तेमाल से कैंसर की दवाओं की तरह स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। कैंसर की दवाओं से रोगियों के बाल झड़ने लगते हैं, खून की कमी हो जाती है तथा वजन भी कम हो जाता है।

यह पौधा पाकिस्तान एवं भारत के अलावा कुछ यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के बंजर इलाकों में भी पाया जाता है। लाहौर से 100 किलोमीटर उत्तर में स्थित एक अस्पताल में 40 साल पहले इस पौधे से स्तन कैंसर के मरीजों का इलाज शुरू किया गया था।

शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर हेलेन ग्रिफिथ्स और प्रोफेसर अम्तुल आर कारमिकेल ने इस अस्पताल में रोगियों के इस पौधे से हो रहे इलाज के बारे में कहा, इस पौधे के रस से रोग पर नियंत्रण देखा जा रहा है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते है कि यह स्तन कैंसर के लिए रामबाण है।

हालांकि यह सच है कि इस पौधे के रस का सेवन कर रहीं रोगी लंबे समय तक जिन्दा रहतीं है और उनके बाल सही-सलामत रहते हैं और वे हड्डी का ढांचा भी बनकर नहीं रह जातीं। इस पौधे के चिकित्‍सकीय गुण से मरीजों को नई जिन्दगी मिल रही है। (वार्ता)

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