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शान की सवारी, सूअर की सवारी...

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बीजिंग। चीन के चोंगकिंग क्षेत्र के एक किसान को श्वासनली की सूजन ने इतना कमजोर कर दिया कि वह चलने-फिरने से भी मजबूर हो गया तो उसने बाजार तक जाने का एक उपाय सोचा। उसने अपने एक सूअर को ही अपनी शान की सवारी बना लिया। अब वह इसी सूअर की सवारी से घर से बाजार जाता-आता है। उसका यह सूअर भी 250 किग्रा वजन का तीन फीट लम्बा है।

अब 68 वर्षीय किसान अपनी सवारी के साथ शहर की गलियों में घूमते भी देखा जाता है। वह पिछले तीस वर्षों से सूअर चराता रहा है। शुरुआत में उसे शक था कि क्या उसका विचार फलीभूत होगा, ले‍क‍िन एक बार आजमाने के बाद यह सवारी इतनी शानदार रही है जितनी कि वह कल्पना भी नहीं करता था। चीन के चोंगकिंग शहर में वह और उसका सूअर थोड़ा बहुत प्रसिद्ध भी हो गया है।

डेली मेल में प्रकाशित एक लेख में इस बात का उल्लेख है कि चीन दुनिया में सूअर के मांस का सबसे बड़ा बाजार है और यहां दुनिया के करीब 48 करोड़ सूअरों में से आधे चीन में पाले जाते हैं। पिछले वर्ष ही अमेरिका की सबसे बड़ी सूअर का मांस उत्पादन करने वाली कंपनी-स्मिथ फील्ड्‍स फार्म्स-को एक चीनी ने 4.2 बिलियन पाउंड में खरीदा था।

किसान का यह सूअर इतना बड़ा है कि उसके ऊपर बैठ जाने पर किसान के पैर जमीन को नहीं छूते हैं। उसके पास हर मौसम में एक छाता अवश्य रहता है और जब ज्यादातर लोग कारों से आना-जाना पसंद करते हैं, सूअर उसकी हर मौसम की सवारी है। यह एक ऐसा वाहन है जिसके रखरखाव पर बहुत अधिक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ता है। बस सूअर को चलाते रहने के लिए उसे कुछ सलाद पत्ता या अनुपयोगी शाक भाजी खिलाता रहता है।

हालांकि अब वह इतना बीमार नहीं है, लेकिन फिर भी वह सूअर की सवारी का मजा लेता है। बीमारी के बाद चलने फिरने की स्वतंत्रता मिलने से वह सूअर की सवारी को और भी आनंददायी पाता है। इतना ही नहीं, घर के आसपास के इलाकों में जाने के लिए भी वह इसी सवारी का इस्तेमाल करता है।
(फोटो-साभार डेली मेल)

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