लाहौर। पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी के हजारों समर्थकों ने गुरुवार को इस्लामाबाद की ओर मार्च निकालकर प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर अपने पार्टी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने तथा फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने का दबाव बनाया।
फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग मानने से सरकार के इंकार के बाद निकाली गई तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के सदस्यों की रैली यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला पहुंच गई है। गुजरांवाला इस्लामाबाद से लगभग 220 किलोमीटर दूर है।
इसके मार्ग के आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन लगातार बाधित है क्योंकि फोन और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं। रावलपिंडी और इस्लामाबाद से लाहौर का लिंक भी जीटी रोड से कट गया है। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पुलिस और रेंजरों को मार्ग पर तैनात किया गया है, लेकिन बुधवार के विपरीत, कानून लागू करने वालों ने ऊपर से मिले आदेश पर टीएलपी कार्यकर्ताओं को नहीं रोका क्योंकि कुछ सरकारी पदाधिकारी टीएलपी नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बुधवार की खूनी झड़पों के मद्देनजर कुछ समय के लिए अपनी रणनीति बदल दी है। झड़पों में चार पुलिसकर्मी और कई टीएलपी कार्यकर्ता मारे गए हैं और पुलिसकर्मियों सहित 400 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित होने के बाद टीएलपी के समर्थकों ने अप्रैल में विरोध प्रदर्शन करते हुए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांस के सामानों के आयात पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, जिसके बाद पंजाब सरकार ने 'सार्वजनिक व्यवस्था' (एमपीओ) कायम रखने के तहत पार्टी के संस्थापक दिवंगत खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को हिरासत में लिया था।(भाषा)