वॉशिंगटन। वायु प्रदूषण का हानिकारक असर उन लोगों के हृदय पर भी पड़ सकता जो पहले से ही उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त हैं। यह दावा एक अध्ययन में किया गया है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि गुर्दे की गंभीर बीमारी (सीकेडी) के साथ उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रस्त वयस्कों में ग्लेसिटीन-3 के स्तर में वृद्धि का संबंध वायु प्रदूषण के संपर्क से हैं, जिसमें हृदय के भीतर निशान बन जाते हैं।
अध्ययन के नतीजों को बृहस्पतिवार को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (एएसएन) किडनी वीक-2021 में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है।
अमेरिका स्थित केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से संबद्ध एवं अनुसंधान पत्र के प्रमुख लेखक हफसा तारिक ने बताया कि वायु प्रदूषण का सीधा संबंध व्यक्तियों में सीकेडी के साथ मायोकार्डियल फाइब्रोसिस से है।
मायोकार्डियल फाइब्रोसिस तब होता है, जब हृदय की फाइब्रोब्लास्ट नामक कोशिका कोलेजेनेस निशान उत्तक पैदा करने लगती हैं। इससे हृदय गति रुक सकती है और मौत हो सकती है।
तारिक ने कहा कि वायु प्रदूषण को सीमित करने का लाभकारी प्रभाव सीकेडी में हृदय संबंधी बीमारियों को कम करने के रूप में मिलेगा। गौरतलब है कि यह विश्लेषण 1,019 प्रतिभागियों पर दो साल तक किए गए अध्ययन पर आधारित है।